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सिर्फ 50 ग्राम से पूरे उत्तर प्रदेश को मिल सकती है बिजली, चंद्रमा पर है यह खास चीज

वैज्ञानिकों के मुताबिक चंद्रमा पर 1.1 मिलियन टन के आसपास हिलियम-3 का अनुमान लगाया है. इस दिशा में और रिसर्च चल रही है.

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Entire Uttar Pradesh can get electricity from just 50 grams, this special thing is on the moon

Saral Kisan News :चंद्रमा की सतह पर हिलियम-3, एक अत्यंत मूल्यवान खनिज है, जिसका प्रमुख विशेषता यह है कि यह क्लीन और सुरक्षित ऊर्जा का स्रोत बन सकता है। हिलियम-3, हिलियम का एक आइसोटोप है, जिसमें प्रोटॉन की तुलना में न्यूट्रॉन होते हैं। यह एक बहुत ही उच्च ऊर्जा खनिज है और इसका मात्र 1.5 ग्राम का एक मानक ही पूरे दिन के लिए उत्तर प्रदेश जैसे बड़े राज्य को ऊर्जा प्रदान करने के लिए काफी होता है, और 50 ग्राम तक का हिलियम-3 पूरे महीने के लिए ऊर्जा प्रदान कर सकता है।

साल 2022 में चीनी स्पेसक्राफ्ट Change चंद्रमा की सतह से वहां की मिट्टी भी ले आया था. जब वैज्ञानिकों ने इस मिट्टी पर रिसर्च की तो हैरान रह गए. चंद्रमा की मिट्टी में हिलियम-3 पाया गया. वैज्ञानिकों के मुताबिक सिर्फ एक ग्राम हिलियम-3, 165 मेगावॉट आवर्स की बिजली पैदा कर सकता है.

सबसे बड़ी बात यह है कि हिलियम 3, क्लीन एनर्जी का सबसे बड़ा स्रोत बन सकता है. हिलियम 3 से न तो किसी तरह का रेडिएशन निकलता है और न ही अपशिष्ट पदार्थ यानी वेस्टेज. हिलियम-3, धरती की सबसे महंगी चीजों में से एक है. एक किलो हिलियम-3 की अनुमानित कीमत 1.5 मिलियन डॉलर तक आंकी गई है.

हिलियम-3 से ऊर्जा पैदा करने के लिए किसी भी प्रकार का रेडिएशन या अपशिष्ट पदार्थ नहीं निकलता है, इसलिए यह एक स्वच्छ और सुरक्षित ऊर्जा स्रोत है। इसका महत्व इसमें है कि यह धरती पर काम करने वाले पर्याप्त ऊर्जा का स्रोत बन सकता है और विशेष रूप से उन जगहों के लिए महत्वपूर्ण हो सकता है जो ऊर्जा की कमी से जूझ रहे हैं।

हिलियम-3 को चंद्रमा से खनन करना एक बड़ी चुनौती है, लेकिन आने वाले समय में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और रोबोटिक्स के प्रयासों से यह संभावित है। चंद्रमा की मिट्टी में हिलियम-3 की खोज विशेषज्ञों के लिए महत्वपूर्ण है और इसका उपयोग साफ और सस्ती ऊर्जा स्रोत के रूप में किया जा सकता है, जो धरती की ऊर्जा आवश्यकताओं को पूरा करने में मदद कर सकता है।

वैज्ञानिकों के मुताबिक चंद्रमा पर 1.1 मिलियन टन के आसपास हिलियम-3 हो सकता है, जो पूरी दुनिया की अगले 10 हजार सालों की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने के लिए काफी है. भारत ने चंद्रमा के जिस साउथ पोल पर अपना मिशन भेजा है, उस हिस्से में सबसे ज्यादा हिलियम 3 होने का अनुमान है.

हालांकि चंद्रमा पर हिलियम-3 का खनन कर उसे धरती तक लाना एक बड़ी चुनौती है. वैज्ञानिकों के मुताबिक आने वाले सालों में आर्टिफिशियल एंटेलिजेंस और रोबोटिक्स के जरिये यह सपना साकार हो सकता है.

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