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क्यू हर बार ठंडे बस्ते में पड़ जाता हैं NH-52 से लेकर NH-9 नेशनल हाईवे के बाईपास का काम

डिप्टी स्पीकर रणबीर गंगवा ने केंद्रीय परिवहन मंत्री नीतिन गडकरी से इस बाईपास बनाने की मांग की थी। NHAI ने स्थानीय अधिकारियों से सर्वे करने को कहा कि अगर यह बाईपास बनाया जाता है तो कितने वाहन यहां से गुजरेंगे. क्योंकि संभावना थी कि इस बाईपास पर टोल टैक्स लिया जाए।

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Why does the bypass work of NH-52 to NH-9 National Highway get shelved every time?

Saral Kisan - नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एनएचएआई) ने नेशनल हाईवे-52 (हिसार-राजगढ़ रोड) से एनएच-9 (हिसार-दिल्ली रोड) तक एक बाईपास बनाने का काम फिर से ठंडे बस्ते में डाल दिया है। इस योजना को लेकर डिप्टी स्पीकर ने दो बार सड़क मंत्री नीतिन गडकरी से मुलाकात की है, लेकिन यह अभी भी पूरा नहीं हो रहा है। इससे पहले बीएंडआर ने इसे लेकर चर्चा की थी, लेकिन तब भी इसे मूर्त रूप नहीं दिया जा सका।

सर्वे रिपोर्ट निराशाजनक

डिप्टी स्पीकर रणबीर गंगवा ने केंद्रीय परिवहन मंत्री नीतिन गडकरी से इस बाईपास बनाने की मांग की थी। NHAI ने स्थानीय अधिकारियों से सर्वे करने को कहा कि अगर यह बाईपास बनाया जाता है तो कितने वाहन यहां से गुजरेंगे. क्योंकि संभावना थी कि इस बाईपास पर टोल टैक्स लिया जाए।

सर्वे रिपोर्ट ने यह कहा कि यहां एक बाईपास बनाया जाता है तो उससे अधिक वाहन नहीं गुजरेंगे। NHAI ने इस सर्वे रिपोर्ट को ठंडे बस्ते में डाल दिया। बाद में डिप्टी स्पीकर ने फिर से नीतिन गडकरी से इसी मुद्दे को उठाया। NHAI अधिकारियों को इस पर बाईपास निर्माण की प्रक्रिया शुरू करने को कहा गया।

ये बाधा बाईपास निर्माण में सामने आई

सूत्रों के अनुसार बाईपास निर्माण को लेकर अब एनएचएआई का कहना है कि राज्य सरकार को इस परियोजना के लिए आधा बजट देना चाहिए, उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार रिंग रोड के निर्माण के लिए आधा बजट देती है।

बाईपास आधा दर्जन से अधिक गांवों से गुजरता है

यह फोरलेन बाईपास एनएच 9 (कैंट) से एनएच 52 (मुकलान) तक लगभग 40 Kmलंबा होगा और आधा दर्जन से अधिक गांवों को पार करेगा।

बीएंडआर ने भी एस्टीमेट बनाया

बीएंडआर ने भी इस परियोजना को लेकर एस्टीमेट बनाया था। यह एस्टीमेट तत्कालीन सीपीएस डॉ. कमल गुप्ता की मांग पर बनाया गया था। उस एस्टीमेट के अनुसार, इस परियोजना का खर्च लगभग 578 करोड़ रुपये होना था। इसके लिए 346 एकड़ जमीन दी जानी थी। उस समय भी प्रोजेक्ट एस्टीमेट से बाहर नहीं निकल सका।

South Bypass पर वाहनों का बोझ कम होगा

फिलहाल, साउथ बाईपास और आजाद नगर एरिया को एनएच 9 से एनएच 52 पर जाने वाले वाहन शहर से गुजर रहे हैं। यही कारण है कि हर दिन इस सड़क पर वाहनों का दौरा होता रहता है। भारी वाहनों के कारण शहर में जाम लगता है और कुछ लोग मर गए हैं। बाईपास बनने के बाद इन वाहनों को शहर में प्रवेश की अनुमति नहीं मिलेगी।

वर्तमान में बरवाला रोड सिरसा रोड से बाईपास के माध्यम से जुड़ा हुआ है, जिससे सिरसा रोड राजगढ़ रोड से जुड़ा हुआ है. वहीं, दिल्ली रोड को बरवाला रोड से जोड़ने के लिए जमीन अधिग्रहण का कार्य चल रहा है।

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