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Delhi में इजरायल से जो भी आता है इस जगह जरूर करता है विजिट, जानें क्या है कारण

इजरायल और हमास के बीच जारी संघर्ष के बीच दिल्ली में स्थित कुछ इजरायली प्रतीक भी चर्चा में है। आज हम ऐसे ही कुछ इजरायली प्रतीकों के बारे में बता रहे हैं। दिल्ली में स्थित ये जगहें भारत और इजरायल की दोस्ती को बयां करती हैं।
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Whoever comes to Delhi from Israel definitely visits this place, know the reason

Saral Kisan : इजरायल और हमास के बीच इन दिनों चल रहे युद्ध के बीच में तलाश करते हैं अपनी दिल्ली में इजरायल के कुछ प्रतीकों की। आइए पहले चलें तीन मूर्ति मार्ग की तरफ। यह शांति पथ से शुरू होकर तीन मूर्ति चौक से होते हुए सफदरजंग रोड, अकबर रोड के चौराहे तक है। पर इसे 2018 से तीन मूर्ति हाइफा मार्ग कहा जाने लगा है।

यह नाम 15वीं इंपीरियल सर्विस कैवलरी ब्रिगेड के सैनिकों की बहादुरी की याद में रखा गया। इसी ब्रिगेड ने पहले विश्व युद्ध के दौरान अप्रतिम साहस का परिचय देते हुए इजरायल के शहर हाइफा को आजाद कराया था। यह ब्रिगेड देश की आजादी से पहले तीन राज्यों -हैदराबाद, मैसूर और जोधपुर की कैवेलरी रेजिमेंट से बनी थी। भारतीय सैनिकों की टुकड़ी ने तुर्क साम्राज्य और जर्मनी के सैनिकों से जमकर मुकाबला किया था।

वहां क्यों जाते हैं इजरायली

अपनी दिल्ली में आने वाला हरेक इजरायली डिप्लोमेट और टूरिस्ट हुमायूं रोड पर स्थित जूदेह हयम सिनग़ॉग में जाना पसंद करता है। यहूदियों के पूजा स्थल को सिनग़ॉग कहा जाता है। इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू जब 2018 में भारत आए थे तब उनके सिनगॉग में आने और यहां के यहूदी समाज से मिलने की संभावना थी। पर यह संभव नहीं हो सका था। तब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बेंजामिन नेतन्याहू के साथ 14 जनवरी 2018 को तीन मूर्ति मार्ग के नये नाम तीन मूर्ति हाइफा चौक का अनावरण किया था। ये उत्तर भारत का एकमात्र सिनग़ॉग है। बेशक, यह स्थान राजधानी में भारत-इजरायल मैत्री का सबसे खास प्रतीक है। बहरहाल, जूदेह हयम सिनगॉग में इजरायल से आने वाले राजनयिक से लेकर टूरिस्ट आते हैं। इसमें बीते सालों के दौरान इजरायल की नेवी के चीफ वायस एडमिरल रेम रूतबर्ग और इजरायल के शिखर नेता पूर्व राष्ट्रपति शेरोन पेरेज भी आ चुके हैं। जूदेह हयम सिनगॉग के एक हिस्से में यहूदियों का कब्रिस्तान भी है।

तब कहां थी इजरायल की एंबेसी

भारत ने साल 1992 में इजरायल के साथ पूर्ण राजनयिक संबंध स्थापित किए थे। उसके बाद पहली बार सिमोन पेरेज के रूप में कोई दिग्गज इजरायली नेता भारत आया था। उस दौर में इजरायल एंबेसी बाराखंभा रोड के गोपालदास हाउस में हुआ करती थी। शायद इस तरह का दूसरा उदाहरण नहीं मिलेगा जब किसी कमर्शल बिल्डिंग में किसी एंबेसी का दफ्तर हो। हालांकि वहां पर कुछ सालों तक एंबेसी चली और फिर इजरायली एंबेसी पृथ्वीराज रोड पर शिफ्ट हो गई। दरअसल पृथ्वीराज रोड पर उड़ीसा के मुख्यमंत्री बीजू पटनायक की एक विशाल कोठी थी। अब उसके एक हिस्से से इजरायल की एंबसी चलती है। दूसरे हिस्से पर उड़ीसा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक का नियंत्रण है। नवीन के पिता बीजू पटनायक थे। इजरायल एंबेसी के आसपास कड़ी सुरक्षा व्यवस्था रहती है।

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