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जहां उगाई जा सकती है अफीम, वहां लेमन ग्रास की खेती करके लाखों की कर रहे कमाई

आज जिले के जिस क्षेत्र में अफीम की खेती की जाती है, वहां लेमन ग्रास फैला हुआ है। साथ ही किसानों को लाभ भी मिलता है। अंजनियाटांड गांव, जिले के बाराचट्टी प्रखंड में स्थित है, अति नक्सल प्रभावित क्षेत्र में आता है।
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Where opium can be grown, people are earning lakhs by cultivating lemon grass.

Saral Kisan - आज जिले के जिस क्षेत्र में अफीम की खेती की जाती है, वहां लेमन ग्रास फैला हुआ है। साथ ही किसानों को लाभ भी मिलता है। अंजनियाटांड गांव, जिले के बाराचट्टी प्रखंड में स्थित है, अति नक्सल प्रभावित क्षेत्र में आता है। यहां एक समय था, जब लोग घरों से भागने में डरते थे क्योंकि नक्सलियों ने बंदूकों से हमला किया था। लेकिन आज, इसी इलाके के किसानों ने लेमन ग्रास की खेती की है, जो क्षेत्र को एक नई पहचान दी है।

अंजनियाटांड गांव के एक दंपति ने लगभग 15 एकड़ में लेमन ग्रास की खेती की है। इस दंपति को प्रति वर्ष लगभग 12 से 15 लाख रुपये मिलते हैं। गोविंद प्रजापत और मंजू देवी पिछले दो वर्षों से लेमन ग्रास खेती कर रहे हैं। दोनों जिले में सफलता मिली है। जिले में उनका नाम एक सफल किसान है। जब बात खेती किसानी की होती है, तो उनका नाम सबसे पहले आता है।

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कृषि विभाग से भी लेमन ग्रास की खेती कर रहे हैं। उन्हें पौधे के अलावा सोलर पंप, लेमन ग्रास प्रोसेसिंग यूनिट, आदि की सुविधा भी दी गई है। इसके अलावा, उनके खेतों में ड्रिप सिंचाई भी लगाई गई है, लेकिन अभी तक इसका कार्यान्वयन नहीं हुआ है। लेमन ग्रास के पौधे उनके खेतों में लहलहा रहे हैं। इसकी ऊंचाई लगभग छह फीट है।

लोगों को करने के लिए प्रेरित

अंजनियाटांड गांव गया से लगभग 55 किलोमीटर दूर बाराचट्टी प्रखंड के जंगल में है। इस क्षेत्र में अफीम का व्यापक उत्पादन होता है, लेकिन ये दंपति इसी जंगल में आसपास के लोगों को लेमन ग्रास के अलावा अन्य कृषि करने के लिए प्रेरित कर रहे हैं। कई लोगों को लेमन ग्रास की खेती में काम मिलता है, जहां वे अच्छी आमदनी करते हैं।

तेल से रही अच्छी कमाई

साथ ही, यह जोड़ा लेमन ग्रास से तेल निकालता है। प्रति लीटर उसकी लागत १५०० रुपये है। एक एकड़ में लगभग 60 से 80 लीटर लेमन ग्रास का तेल निकाला जा सकता है। इन्हें तेल की बिक्री के लिए कहीं दूर नहीं जाना पड़ता। इनसे यूपी के व्यापारी तेल खरीदते हैं। यह दंपति लेमन ग्रास के अलावा खेतों में अमरुद और आम के पेड़ लगाए हुए हैं। इन्हें इससे भी अच्छी कमाई हो रही है। इन्हें एक खेत से दोगुना मुनाफा हो रहा है। कृषि विभाग ने इस बार पूरे बिहार में इन्हें द्वितीय पुरस्कार दिया है।

कृषि विभाग की बैठक से प्राप्त विचार

मंजू देवी ने बताया कि गांव में कृषि विभाग की एक बैठक हो रही है। लेमन ग्रास खेती करने के लिए किसानों को प्रोत्साहित किया जा रहा था। उनका विचार वहीं से मिला और 15 एकड़ में इसकी खेती शुरू की। आज एक एकड़ लगभग 1 लाख रुपये कमाती है। लेमन ग्रास की खेती का लाभ यह है कि यह लगभग छह से सात साल तक तेल निकाल सकता है। साथ ही खेत जुताई से पैसा बचता है। कृषि विभाग ने इसकी खेती में काफी मदद की है, पौधा लगाने से लेकर प्रोसेसिंग यूनिट और सोलर मोटर पंप लगाने तक। बताया गया कि लेमन ग्रास को एक वर्ष में छह बार हार्वेस्टिंग करके तेल निकाला जा सकता है!

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