home page

Wheat :इस साल वैज्ञानिकों ने गेहूं की 7 और जौ की एक वैराइटी की तैयार

इस वर्ष वैज्ञानिकों ने जौ और गेहूं की सात नई किस्मों का पता लगाया है। इन नई जातियों को सिंचित और सीमित सिंचाई के लिए बनाया गया है। इन किस्मों को दिल्ली, हिसार, करनाल और छत्तीसगढ़ में वैज्ञानिकों ने खोजा है।
 | 
Wheat: This year scientists prepared 7 varieties of wheat and one variety of barley.

Wheat : इस वर्ष वैज्ञानिकों ने जौ और गेहूं की सात नई किस्मों का पता लगाया है। इन नई जातियों को सिंचित और सीमित सिंचाई के लिए बनाया गया है। इन किस्मों को दिल्ली, हिसार, करनाल और छत्तीसगढ़ में वैज्ञानिकों ने खोजा है और इसी वर्ष से किसानों को बीज मिलेगा। इन किस्मों की घोषणा महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय उदयपुर में भारतीय गेहूं एवं जौ अनुसंधान संस्थान करनाल की 62वीं कार्यशाला में की गई है।

गेहूं की नई प्रजाति का पता लगाना

Hd 3386 गेहूं की किस्म को उत्तर पश्चिमी मैदानों में समय से बुआई और सिंचित किया गया। भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान पूसा दिल्ली ने इस किस्म की खोज की है। डब्ल्यूएच 1402 भी गेहूं की फसल के लिए निर्धारित है, जो सीमित सिंचाई पर निर्भर है। हिसार कृषि विश्वविद्यालय ने इसकी खोज की है।

112.7 मिलियन टन गेहूं उत्पादित हुआ

एचडी 3388 गेहूं किस्म उत्तर पूर्वी मैदानों में सिंचित और समय से बुआई के लिए निर्धारित है, राष्ट्रीय गेहूं एवं जौ अनुसंधान केंद्र करनाल के निदेशक डॉक्टर ज्ञानेंद्र सिंह ने बताया। भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान पूसा (दिल्ली) भी इसकी खोज में शामिल था। भारतीय गेहूं एवं जौ अनुसंधान संस्थान, करनाल ने कर्ण शिवानी DBW 327 की किस्म भी विकसित की। भारतीय गेहूं एवं जौ अनुसंधान संस्थान करनाल ने भी DBW 359 को सीमित सिंचाई के लिए इजाद किया है। उन्हें बताया गया कि इस वर्ष गेहूं की पांच नई किस्में (DBW-370, DBW-371, DBW-372, DBW-316 और DBW-55) का व्यवसायीकरण किया जाएगा। किसानों को यह किस्में मिल जाएंगी। भारतीय गेहूं और जौ अनुसंधान संस्थान करनाल ने इन सभी किस्में खोजी हैं। संस्थान के निदेशक डॉ. ज्ञानेंद्र सिंह ने कहा कि आने वाले समय में संस्थान अपने अनुसंधान विकास और प्रचार कार्यक्रमों के माध्यम से गेहूं और जौ के उत्पादन मूल्य संख्या में सुधार करने के लिए निरंतर प्रयास करेगा। डॉक्टर ज्ञानेंद्र सिंह ने बताया कि पिछले वर्ष उनका गेहूं उत्पादन लक्ष्य 112.7 मिलियन टन था, जो एक रिकॉर्ड है।

ये पढ़ें : Indian Railways : 210 करोड़ रुपये की लागत से रेलवे करेगा 500 करोड़ की बचत, लगाई ये तकनीक

Latest News

Featured

You May Like