क्या होता है Dark Tourism? लोग जबरदस्त वादियों को छोड़ क्यों जा रहे खंडहर के पीछे
Dark Tourism:दुनियाभर में लोगों के बीच डार्क टूरिज्म को लेकर काफी क्रेज बना हुआ है. अमेरिका में 80 फीसदी लोग जिंदगी में एक बार डार्क टूरिज्म पर जाना चाहते हैं.
Dark Tourism: डार्क टूरिज्म (Dark Tourism) एक अजीबोगरीब प्रकार का पर्यटन है जिसमें लोग उन जगहों पर जाना पसंद करते हैं जहां पर त्रासदी के निशान आज भी दिखाई देते हैं। इन जगहों में विभिन्न ऐतिहासिक घटनाओं के निशान, युद्धों, आपदाओं और नरसंहारों की कहानियां होती हैं। डार्क टूरिज्म में लोगों को यह मौका मिलता है कि वे इन घटनाओं की साक्षी बन सकें और उनकी समय की एक अलग दृष्टि प्राप्त करें।
अमेरिका में डार्क टूरिज्म का क्रेज बढ़ रहा है, जहां लोग खूबसूरत वादियों के साथ-साथ ऐतिहासिक और आतंकवादी हमलों के स्थलों की भी सैर करने में रुचि दिखा रहे हैं। ऐडवेंचर पसंद लोग भी डार्क टूरिज्म का आनंद ले रहे हैं।
यह एक रुचिकर प्रश्न है कि डार्क टूरिज्म (Dark Tourism) क्या होता है, जिसमें लोग ऐसे स्थलों पर जाना पसंद करते हैं जहां पर भयानक घटनाएं घटी हैं। इसमें यात्री युद्ध, आपदाएं, नरसंहार आदि के निशानों को देखने के लिए जाते हैं और उनके अत्यधिक रुचिकरण का मजा लेते हैं।
दुनियाभर में कई डार्क टूरिज्म के स्थल होते हैं, जैसे कि न्यूयॉर्क के ग्राउंड जीरो, यूक्रेन के चेरनोबिल, रवांडा के मुरांबी नरसंहार स्मारक, लिथुआनिया के केजीबी मुख्यालय, पोलैंड के ऑशविट्ज़ एकाग्रता शिविर, जापान के हिरोशिमा और कंबोडिया के तुओल स्लेंग नरसंहार संग्रहालय।
यह डार्क टूरिज्म की एक अद्वितीय रूप है जो लोगों को उनके इतिहास और धरोहर के प्रति अलग प्रकार की दृष्टि प्रदान करता है।
Also Read: Hotel Rent Price: सरकार का बड़ा ऐलान, होटल किराये में मिलेगी 50 प्रतिशत छूट