राजस्थान के लोगों की होगी अब जेब ढीली, 15 साल बाद बढ़ेगी पानी की क़ीमत
Rajasthan News : राजस्थान की जनता पर 15 साल बाद जेब पर ज्यादा असर पड़ने वाला है। राजस्थान की भजन लाल सरकार ने पेयजल दरों में बढ़ोतरी करने जा रही है। अब प्रदेश में कॉरपोरेशन अपने नफे- नुकसान के मुताबिक पेयजल दरों को बढ़ा सकता है.
Rajasthan Increase Water Prices : राजस्थान की जनता पर महंगाई की एक और मार पड़ने वाली है। राजस्थान में अब पेयजल दरों मैं भजनलाल सरकार बढ़ोतरी करने जा रही है. बता दें कि पिछले 15 वर्षों से प्रदेश में पानी की दरों में कोई वृद्धि नहीं की गई है। राजस्थान की शहरी पेयजल योजनाओं बजट में सरकार ने 40 साल पहले बने राजस्थान वॉटर सप्लाई एंड सीवरेज कॉरपोरेशन को देने का ऐलान किया है। अब प्रदेश में कॉरपोरेशन अपने नफे- नुकसान के मुताबिक पेयजल दरों को बढ़ा सकता है.
आम जनता की नाराजगी
राजस्थान में पिछली सरकारों ने पानी के दरों में बढ़ोतरी आम जनता की नाराजगी की वजह से नहीं बढ़ पाई थी। प्रदेश में 11 अप्रैल 2018 को 10 फीसदी पेयजल बढ़ोतरी का फैसला आम जनता के विरोध की वजह से वापस लेना पड़ा था। प्रदेश में इस घोषणा के बाद उपभोक्ताओं को पानी की सप्लाई महंगी पड़ने वाली है। इसके अलावा कर्मचारी भी अपनी सेवा शर्तें बदले जाने को लेकर आशंकित हैं.
समय-समय पर बदलाव होते रहेंगे
जैसा कि जलदाय मंत्री कन्हैया लाल चौधरी ने कहा, कॉर्पोरेशन क्रियाशील रहने से विभाग और इसकी सेवाएं निजीकृत नहीं होंगी। 15 साल से पानी की दरों में कोई बदलाव नहीं हुआ है। प्रदेश के लोगों में पानी की बचत और दुरुपयोग के बारे में जागरूकता करने के लिए पानी की दरों में समय-समय पर बदलाव होते रहेंगे ।
यह होगी आशंका
सरकार ने एक महीने पहले ही पेयजल परियोजनाओं को कार्पोरेशन के अधीन करने का प्रयास शुरू कर दिया था। राजस्थान वाटर सप्लाई एंड सीवरेज कॉर्पोरेशन एक्ट के अनुसार, अवैध जल कनेक्शनों को काटने के लिए हाल ही में जारी किए गए आदेशों का उद्देश्य पानी की चोरी और दुरुपयोग को रोकना था।
कार्पोरेशन का अपना ही एक बोर्ड है। नीति-नियमों की स्वीकृति से लेकर सभी प्रशासनिक अधिकार बोर्ड के पास हैं। विभाग के इंजीनियर और तकनीकी कर्मचारी भी संस्थान के अधीन होंगे और उनकी सेवा शर्तें भी संस्थान ही निर्धारित करेगा।
यह भी बनेगी स्थिति!
-पेयजल सेवाओं के कई मामलों में उपभोक्ताओं पर 5 गुना तक जुर्माने की मार होगी।
-कार्पोरेशन की वित्तीय हालत खराब हुई तो कार्मिकों को वेतन के लिए तरसना होगा।
वापस लेना पड़ा फैसला
11 अप्रेल, 2018 को तत्कालीन सरकार ने राज्य में पेयजल की दरों में 10 प्रतिशत की बढ़ोतरी की घोषणा की। विवाद के बाद आदेश वापस लेना पड़ा।
कर्ज को चुकाएंगे
सरकार ने जल जीवन मिशन के तहत 50 हजार करोड़ रुपये की पेयजल परियोजनाओं को मंजूरी दी है। इन परियोजनाओं के लिए कार्पोरेशन के माध्यम से कर्ज लेने की योजना है विभिन्न बैंकों से। जलदाय विभाग की संपत्ति के आधार पर कार्पोरेशन कर्ज लेगा। जल जीवन मिशन को पहले ही छह हजार छह सौ करोड़ रुपये का कर्ज दिया गया है।