वंदे भारत ट्रेन अब विदेशों तक लगाएगी दौड़, जानिए कंपनी का पूरा प्लान
Vande Bharat : राज्य के स्वामित्व वाली भारी उपकरण निर्माता कंपनी BEML लिमिटेड की ओर से जानकारी दी गई कि अब वंदे भारत ट्रेनों को एक्सपोर्ट करने की तैयारी की जा रही है। उन्होंने बताया कि आने वाले दिनों में रक्षा के साथ-साथ रेल और मेट्रो के राजस्व में भी मजबूती देखने को मिल सकती है। उन्होंने बताया की उम्मीद लगाई जा रही है कि आने वाले कुछ सालों में वंदे भारत और मेट्रो ट्रेनों के लिए निर्यात ऑर्डर मिलने लगेंगे। BEML के चेयरमैन शांतनु राय ने इकोनॉमिक्स टाइम को इंटरव्यू देते हुए बताया कि सबसे पहले हमारा टारगेट देश में स्वदेशी वंदे भारत ट्रेनों को पटरी पर दौड़ना है। वहीं आने वाले सालों में इसके निर्यात की दिशा में काम किया जाएगा।
कंपनी फिलहाल भारतीय रेलवे के लिए वंदे भारत स्लीपर ट्रेन का पहला प्रोटोटाइप बनाने में लगा हुआ है। उम्मीद लगाई जा रही है कि आने वाले कुछ महीनो में इस कार्य को पूरा किया जा सकेगा। उन्होंने बताया कि मेक इन इंडिया पर जोर दिया जा रहा है और साथ ही मिडल ईस्ट, साउथ अमेरिका और एशियाई देशों को वंदे भारत और मेट्रो ट्रेन के निर्यात की संभावनाएं तलाशी जा रही है। उन्होंने बताया कि मौजूदा एक्सपोर्ट रेट 4% को बढ़ाकर 10% तक ले जाने का लक्ष्य रखा गया है और इस दिशा में तेजी से काम किया जा रहा है।
QR कोड का फायदा
वहीं पर पश्चिम रेलवे ने एक मुख्य जानकारी सांझा करते हुए बताया कि गुजरात के राजगढ़ और भावनगर मंडल के सभी स्टेशनों पर क्या QR कोड की सुविधा उपलब्ध करवा दी गई है। क्यूआर कोड के माध्यम से टिकट किराए का भुगतान किया जा सकता है। रेलवे मंडल के प्रवक्ता ने बताया कि इस पहल के तहत राजकोट मंडल जामनगर, सुरेंद्रनगर द्वारका सहित सभी छोटे-मोटे स्टेशनों के टिकट काउंटर पर QR कोड की सुविधा मिलेगी। इनके द्वारा रेल टिकट का भुगतान स्वीकार करने की सुविधा दी गई है। अब यात्री डिजिटल तरीके से टिकट का भुगतान करने के लिए QR कोड का इस्तेमाल कर सकते हैं।