केंद्र सरकार के चार लेन हाईवे प्रोजेक्ट पर उत्तर प्रदेश की जमीन बनी बाधा, 2024 के इस महीने तक पूरा होना था काम
UP News : नेपाल को बनाए जा रहे फोरलेन हाईवे में अब जल्द पूरा होने की उम्मीद कम नजर आ रही है। चिंता की बात है कि हाईवे पर यूपी सरकार के इस विभाग की जमीन बाधा बन रही है। विभाग की ओर से अड़ंगा लगाने के बाद निर्माण कार्य पूरी तरह से रुक गया है।
अब इस मामले को निपटाने के लिए एनएचएआई ने यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ सरकार से पत्राचार किया है। पीएम मोदी की केंद्र सरकार ने अप्रैल 2024 तक पूरा करने का लक्ष्य है। फोरलेन हाईवे निर्माण के लिए यूपी सिंचाई विभाग की जमीन बाधा बनी है।
कैनाल क्षेत्र में प्रस्तावित स्पान पुल की भूमि का अधिग्रहण न होने से यहां पर निर्माण कार्य रुका है। एनएचएआई ने क्लीयरेंस के लिए यूपी सिंचाई विभाग को पत्र भेजा है।बनबसा के जगबुड़ा पुल से नेपाल सीमा तक भारत सरकार 4.2 किमी फोरलेन हाईवे बना रहा है।
इसका कार्य निर्माणाधीन है। इस फोरलेन हाईवे को नेपाल की ओर से महाकाली नदी पर बनाए गए 800 मीटर के पुल से जोड़ा जाना है। जिसके बाद भारत का यह हाईवे नेपाल में बन रहे सूखा बंदरगाह (ड्राई पोर्ट) से लिंक होगा।
पूर्व में भारत की जमीन पर आपत्तियों का दौर रहा। जहां गुदमी, लाटाखल्ला और भैंसाझाला के ग्रामीणों ने हाईवे के सर्वे का विरोध किया। जिसके बाद मजबूरन एनएचएआई को एलाइनमेंट में बदलाव करना पड़ा। इसके बाद वन भूमि में एक साल आपत्ति रही।
दोनों मामलों का निपटारा होने के बाद अब यूपी सिंचाई विभाग की जमीन हाईवे निर्माण में बाधा बनी है। एनएचएआई के मुताबिक कैनाल में उत्तर प्रदेश सिंचाई की जमीन पर 55-55 मीटर के दो स्पान पुल प्रस्तावित हैं। जो भूमि अधिग्रहण के फेर में फंसे हैं।
2200 से अधिक पेड़ आए: हाईवे की जद में फोरलेन हाईवे निर्माण में सर्वे टीम ने 2200 से अधिक पेड़ों का छपान किया। जिन्हें वन निगम की मदद से काट दिया गया है। ये पूरी वन भूमि में थे, जो कि खटीमा रेंज में आते हैं।
इसके अलावा हाईवे को अप्रैल 2024 तक पूरा करने का केंद्र सरकार का लक्ष्य है। इस हाईवे में तीन से चार जगहों पर फ्लाईओवर प्रस्तावित है। जिनकी बुनियाद खोद दी गई है। साथ ही निर्माण कार्य गतिमान है।
दो स्पान पुल कैनाल में प्रस्तावित हैं। लेकिन यूपी सिंचाई विभाग से भूमि अहिग्रहण नहीं हो सका है। जिस कारण इन पुलों का निर्माण में देरी हो रही है। हमने लखनऊ और बरेली हेडक्वार्टर को इस मसले में पत्राचार किया है। शीघ्र क्लीयरेंस मिल जाएगा। जिसके बाद सभी बाधाएं दूर हो जाएंगी।
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