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उत्तर प्रदेश में अब कैदी बनाएंगे जूते और पहनेगी पुलिस, शुरू हुआ पहला जूता कारखाना

यूपी से एक बड़ी खबर सामने आ रही है। अब जेल में बंद कैदी पुलिसकर्मियों के लिए हाथों से जूता तैयार करेंगे। रिपोर्ट में पता चला है कि जेल में जूता कारखाना लगाया जाएगा।'

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Now prisoners will make shoes and police will wear them in Uttar Pradesh, first shoe factory started

Saral Kisan : जिन अपराधियों को हाथों में हथकड़ी लगाकर पुलिस जेल भेजती हैं, अब उन्हीं के हाथों के बने जूतों को पहनकर पुलिसकर्मी कदमताल भी करेंगे। इसके लिए जिला जेल में जूता कारखाना स्थापित किया गया है। मंगलवार को इसकी शुरूआत हुई। कारागार मंत्री धर्मवीर प्रजापति ने इसका उद्घाटन किया। पहली बार में 30-35 बंदियों को कारखाना से जोड़ा जा रहा है। जूता उत्पादन बढ़ने पर और भी बंदियों को रोजगार दिया जाएगा।

जिला जेल के अधीक्षक हरिओम शर्मा ने बताया कि जेल में हुनरमंद कैदियों को रोजगार से जोड़ा जा रहा है। कोई अनुपयोगी वस्तुओं से बैग, फ्लॉवर पॉट, टेबल लैंप बना रहा है तो कोई दिवाली पर की जाने वाली सजावट के लिए झालर और पूजा की थाली तैयार कर रहा है। स्टोन के आइटम भी बनाए जा रहे हैं। इनको जेल परिसर में आउटलेट में रखा गया है। इसके अलावा अब जूता कारखाना शुरू किया गया है। इसमें जूता एक्सपोर्ट यूनिट के सहयोग से दो मशीन लगाई गई हैं। जेल के बंदियों में कई जूता कारीगर भी हैं। इनकी संख्या 150 के आसपास हैं।

फिलहाल इनमें से 30-35 को कार्य के लिए चुना गया है। सभी को पारिश्रमिक भी दिया जाएगा। बंदी जो जूता बनाएंगे, वह पुलिस विभाग को भी कम दर में सप्लाई किया जाएगा। इसका लाभ पुलिसकर्मी उठा सकेंगे। बंदी भी जूता बनाने से होने वाली आमदनी को अपने परिवार के पास भेज सकेंगे। एक जूते की कीमत तकरीबन 600 से 700 रुपये होगी। इसे प्रदेश के अन्य जिलों में पुलिस लाइन में भेजा जाएगा।

इसके साथ ही पुलिसकर्मियों के बच्चों के लिए भी स्कूली जूते तैयार किए जाएंगे। वहीं जिला जेल में चिल्ड्रन पार्क भी बनाया गया है। इसमें जेल में अपनी मां के साथ रह रहे बच्चों को झूला आदि की सुविधा मिलेगी।

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