उत्तर प्रदेश में बनेगा राज्य का पहला डिजिटल हाईवे, कम समय में नाप सकेंगे सफर

Uttar Pradesh : यूपी ने पहला डिजिटल हाईवे बनाने की तैयारी शुरू कर दी है। यह राजमार्ग बाराबंकी और बहराइच को जोड़ेगा। डिजिटल हाईवे करीब 101 किलोमीटर लंबा होगा और चार लेन का होगा। ऑप्टिक फाइबर केबल इसके किनारे लगाया जाएगा। सर्वे को भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) ने शुरू किया है। सर्वे रिपोर्ट आने पर एस्टीमेट बनाया जाएगा। मार्च 2025 से इस हाईवे के निर्माण की तैयारी है।
एनएचएआई 10 हजार किलोमीटर का डिजिटल हाईवे बनाना चाहता है। दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस वे और हैदराबाद-बेंगलुरू कॉरिडोर इसकी शुरुआत करते हैं। केंद्रीय राजमार्ग मंत्रालय ने उत्तर प्रदेश में बाराबंकी-बहराइच हाईवे को मंजूरी दी है। परियोजना के दौरान एनएच-927 कॉरिडोर का 101.54 किमी क्षेत्र चार लेने में बनाया जाएगा। यह डिजिटल राजमार्ग लखनऊ, श्रावस्ती एयरपोर्ट, नेशनल हाईवे-27 और भारत-नेपाल सीमा से जुड़ जाएगा।
डिजिटल हाईवे के बारे में
डिजिटल हाईवे या सड़कें प्लेटफार्म हैं जो डाटा, टेक्नोलॉजी और कनेक्टिविटी का उपयोग करके सड़क नेटवर्क को बेहतर बनाते हैं। इसमें सड़कों की डिजाइन, निर्माण और संचालन पर ध्यान दिया जाता है। इससे तेज डिलीवरी, सुरक्षित और बेहतर यात्रा अनुभव मिलता है।
हादसे मुक्त होंगे हाईवे
इलेक्ट्रॉनिक और आधुनिक सड़क सुरक्षा प्रणाली डिजिटल सड़कों को लैस करेंगे। 24 घंटे कदम-कदम पर एनपीआर और नेटवर्क कैमरे होंगे। रात में पूरा हाईवे रोशनी से प्रकाशित होगा। इससे चालकों की चूक से दुर्घटनाएं कम होंगी। यात्रा के दौरान चालकों को भी अलर्ट किया जाएगा।
खोदनी न पड़े सड़क, इसलिए पहले बिछेगा केबल
ऑप्टिकल फाइबर केबल को डिजिटल हाईवे के एक किनारे तीन मीटर चौड़ाई में बिछाया जाएगा, ताकि बाद में केबल के लिए सड़क न खोदनी पड़े। केबल बिछने के बाद, इंटरनेट और दूरसंचार सेवाओं को इलेक्ट्रानिक उपकरणों से सीधे तौर पर जोड़ा जा सकेगा। वेब पोर्टल के माध्यम से, केबल का उपयोग करने वाली कंपनी को सड़क पट्टे पर दी जाएगी।
बाराबंकी-बहराइच हाईवे को डिजिटल राजमार्ग बनाने की अनुमति मिली है, लखनऊ परियोजना निदेशक एनएचएआई सौरभ कनौजिया ने बताया। अभी रोड दो लेन का है। अब यह चार लेन में बदल जाएगा। भूमि सर्वेक्षण और पैमाइश शुरू हो चुका है। निर्माण भी जल्दी शुरू हो जाएगा।