उत्तरप्रदेश का पहला 101 किमी लंबा डिजिटल हाईवे, 3 हजार करोड़ से बनेगा
UP News : उत्तर प्रदेश में 101 किलोमीटर लंबा पहला डिजिटल हाईवे बनने जा रहा है, जो राज्य के इंफ्रास्ट्रक्चर को नई दिशा देगा। इस हाईवे को स्मार्ट टेक्नोलॉजी से लैस किया जाएगा, जिससे यह डिजिटल इंडिया मिशन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बनेगा।

Uttar Pradesh News : उत्तर प्रदेश में जल्द ही पहला डिजिटल हाईवे बनकर तैयार होने वाला है, जिसकी लंबाई 101 किलोमीटर होगी। यह हाईवे बाराबंकी और बहराइच को जोड़ेगा। वर्तमान में ये मार्ग टू-लेन है। नेशनल हाईवे अथारिटी यानी 3 हजार करोड़ रुपए खर्च कर इस मार्ग को फोर-लेन बनाने के साथ डिजिटल तकनीकी से लैस करने जा रहा है। इस डिजिटल हाईवे को 2028 में शुरू करने का लक्ष्य तय किया गया है।
इस डिजिटल हाईवे के निर्माण से न केवल यात्रा का समय कम होगा, बल्कि यह क्षेत्र के आर्थिक विकास में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। यह राज्य का पहला डिजिटल हाईवे होगा। इस हाइवे पर यात्रियों को बहुत सारी सुविधाएं मिलेंगी। इस डिजिटल हाईवे के निर्माण से न केवल यात्रा का समय कम होगा, बल्कि यह क्षेत्र के आर्थिक विकास में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
परिवहन मंत्रालय ने साल 2024 में दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे की तरह देशभर में 10 हजार किलोमीटर डिजिटल हाईवे बनाने का ऐलान किया था। इसी योजना के तहक बाराबंकी से बहराइच तक का डिजिटल हाईवे बनाना भी शामिल है। नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) लखनऊ से नेपाल तक की कनेक्टिविटी को बेहतर करने के लिए उत्तर प्रदेश का पहला डिजिटल हाईवे बनाने जा रहा है। 101 किलोमीटर लंबे इस फोर लेन हाईवे को नेपाल बॉर्डर के रुपईडीहा तक बनाने की योजना है।
कैसा होगा ये हाईवे
NHAI के मुताबिक इस हाई-टेक हाईवे पर कई आधुनिक तकनीकों का इस्तेमाल किया जाएगा, जिससे यातायात को दुरुस्त रखा जा सके। इस हाईवे पर एडवांस ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम लागू होगा। पूरे रास्ते कोई भी ड्राइवर उल्टे साइड गाड़ी नहीं चला पाएगा। पूरे हाईवे पर एक भी कट नहीं होंगे, केवल अंडर ग्राउंड यू-टर्न के कट दिए जाएंगे। इसी के साथ पूरे हाईवे पर AI तकनीक से लैस CCTV कैमरे भी लगाए जाएंगे।
टोल प्लाजा पर कंट्रोल रूम बनाए जाएंगे, जहां लगी स्क्रीन पर हाईवे पर एक्सीडेंट या किसी दूसरी दिक्कतों की जानकारी आ जाएगी। भविष्य में AI और इलेक्ट्रॉनिक व्हीकल सपोर्ट जैसे हाईटेक फीचर्स जोड़े जाने की भी योजना है।
लखनऊ से नेपाल जाना होगा आसान
फिलहाल लखनऊ से नेपाल जाने में लगने वाला समय 3 से 4 घंटे का है। ऐसी उम्मीद है कि डिजिटल हाईवे बन जाने के बाद ये समय 2 से ढाई घंटे में पूरा हो जाएगा। लखनऊ से बाराबंकी पहले से ही एनएच-27 से जुड़ा है। बाराबंकी से बहराइच तक करीब 101 किमी की रोड अभी टू-लेन है। अब इस रोड पर ट्रैफिक बढ़ चुका है। ट्रैफिक को ध्यान में रखते हुए डिजिटल हाईवे को फोर-लेन बनाया जाएगा। जो बहराइच के रुपईडीहा तक बनाया जाएगा, जहां से नजदीक ही नेपाल बॉर्डर है।
NH-27 से जुड़ेगा डिजिटल हाईवे
NHAI की ओर से बाराबंकी से बहराइच डिजिटल हाईवे का DPR (विस्तृत परियोजना रिपोर्ट) तैयार हो चुका है। अप्रैल महीने में इस पर निर्माण कार्य के लिए टेंडर आमंत्रित किए जाएंगे। इसी साल हाईवे के लिए जमीन का अधिग्रहण करने की भी योजना है। बाराबंकी-बहराइच फोर-लेन हाईवे को लखनऊ-अयोध्या नेशनल हाईवे-27 से भी लिंक किया जाएगा। इसके लिए बाराबंकी के चैपुला के पास फ्लाईओवर बनाकर लखनऊ-अयोध्या हाईवे को जोड़ा जाएगा।
तीन फेज में पूरा होगा काम
NHAI ने इसका सर्वे पूरा कर लिया है। इसके रास्ते से बिजली के खंभों और पेड़ों को हटाने की मंजूरी ली जा चुकी है। पहले चरण में बाराबंकी से बहराइच तक का ही फोर-लेन बनेगा। दूसरे चरण में इसे रुपईडीहा तक बढ़ाया जाएगा।
पूरी परियोजना तीन फेज में बांटी गई है। पहला फेज 31 किलोमीटर का होगा, जो बाराबंकी से रामनगर तक होगा। दूसरा फेज 20 किलोमीटर का होगा, जिसमें एक पुल भी बनेगा। ये रामनगर के घाघरा ब्रिज और चौकाघाट होते हुए जरवल तक होगा। तीसरा फेज जरवल से आगे मुस्तफाबाद और बहराइच तक का होगा, जो 50 किमी का हिस्सा होगा। तीनों के लिए अलग-अलग टेंडर मांगे जाएंगे। उम्मीद है कि 2028 तक ये हाईवे तैयार कर लिया जाएगा।