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Uttar Pradesh : योगी सरकार ने पेपर लीक से बचने का निकाला तोड़, इस प्लान के आगे फेल हो जाएगी सारी सेटिंग

UP News : देश के अधिकतर राज्यों में पेपर लीक सबसे बड़ी समस्या बना हुआ है। अगर उत्तर प्रदेश की बात की जाए तो यहां युवाओं की करीबन 56% आबादी है। इन युवाओं की मांग यही है कि पेपर लीक की समस्या पर लगाम लगाई जाए। 

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Uttar Pradesh : योगी सरकार ने पेपर लीक से बचने का निकाला तोड़, इस प्लान के आगे फेल हो जाएगी सारी सेटिंग

Uttar Pradesh : उत्तर प्रदेश सरकार ने पेपर लीक की समस्या का समाधान करने के लिए एक प्लान बनाया है। इसके अंतर्गत पेपर लीक जैसी समस्याओं से निपटने के लिए पूरी तैयारी की जा चुकी है। उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा बनाई गई प्लानिंग के अनुसार किसी भी परीक्षा के दौरान पूरी जिम्मेवारी चार एजेंटीयों के पास होगी। वहीं डीएम की अध्यक्षता में सेंटर का चयन किया जाएगा। 

प्रिंटिंग प्रेस पर रहेगी नजर 

पेपर छापने वाली प्रिंटिंग प्रेसों का चयन गोपनीय तरीके से किया जाएगा। इसके साथ-साथ सीसीटीवी कैमरा से भी निगरानी रखी जाएगी ताकि किसी तरह की ढील ना बरती जाए। प्रिंटिंग प्रेस में आने वालों के पास उसे कंपनी का आईडी कार्ड होना जरूरी होगा। वही प्रिंटिंग प्रेस में आने वाले हर शख्स की बारीकी से जांच की जाएगी। 

प्रिंटिंग प्रेस में बाहरी लोगों को आने की इजाजत नहीं मिलेगी। प्रिंटिंग प्रेस में स्मार्टफोन और कैमरा ले जाना पूरी तरह बैन किया गया है। 24 घंटे प्रिंटिंग प्रेस की निगरानी की जाएगी और सीसीटीवी भी 24 घंटे एक्टिव रहेंगे। 1 साल तक सीसीटीवी की रिकॉर्डिंग को सुरक्षित भी रखा जाएगा। 

चार एजेंसी होगी जिम्मेवार 

उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा जारी किए गए नए निर्देश के मुताबिक भर्ती परीक्षा के लिए चार एजेंसियों को चयनित किया गया है। विद्यार्थियों को परीक्षा देने के लिए ग्रह मंडल से बाहर जाना होगा। अगर परीक्षार्थियों की संख्या 4 लाख से अधिक है, तो दो चरणों में परीक्षा ली जाएगी। हर शिफ्ट में परीक्षा के दौरान दो या इससे अधिक पेपर सेट होना जरूरी है। 

हर सेट की पेपर छपाई अलग-अलग प्रिंटिंग प्रेसों से करवाई जाएगी। रिजल्ट की धांधली पर रोक लगाने के लिए आयोग और बोर्ड में ही ओएमआर शीट की स्कैनिंग होगी। ओएमआर शीट में तीन सेट बनाए जाएंगे जिसमें मुख्य प्रति आयोग और बोर्ड के पास रहेगी दूसरी प्रती कोषागार के पास और तीसरी प्रति अभ्यर्थी को मिलेगी। उत्तर प्रदेश सरकार ने यह सारी जिम्मेवारी अलग-अलग एजेंसियों को दी है। ताकि पेपर माफिया द्वारा खेले जा रहे सेटिंग के खेल को बंद किया जा सके। 

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