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उत्तर प्रदेश में तेलंगाना की तर्ज पर बदलेगी गावों की तस्वीर, किए जाएंगे ये बड़े बदलाव

UP News : कहा जा रहा है कि यूपी के गांवों की तस्वीर बदलने के लिए तेलंगाना के गांवों के मॉडल को अपनाया जाएगा। तेलंगाना के गांवों का अध्ययन करके लौटी 25 सदस्यीय टीम ने पंचायत राज विभाग के अधिकारियों को अपनी रिपोर्ट सौंपी है...

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The picture of villages will change in Uttar Pradesh on the lines of Telangana, these big changes will be made

UP News : यूपी के गांवों की सूरत को संवारने के लिए तेलंगाना के गांवों के मॉडल को अपनाया जाएगा। तेलंगाना के गांवों का अध्ययन करके लौटी 25 सदस्यीय टीम ने पंचायत राज विभाग के अधिकारियों को अपनी रिपोर्ट सौंपी है। इस रिपोर्ट का अध्यनन करने के बाद प्रदेश के गांवों को संवारने के लिए कार्ययोजना तैयार की जाएगी। तेलंगाना जाने वाली टीम में प्रदेश के कई डीपीआरओ, ग्राम प्रधान और स्वच्छ भारत मिशन से जुड़े डिस्ट्रिक्ट कंसल्टेंट शामिल रहे थे। 

प्रदेश के गांवों में हरियाली से लेकर साफ-सफाई, खेल मैदान, अंत्येष्टि स्थल और कूड़ा उठान के प्रबंधन के बारे में तेलंगाना का मॉडल समझने के लिए 25 सदस्यों की टीम ने वहां के गांवों का पांच दिन तक दौरा किया। यहां पर टीम ने पाया कि प्रत्येक गांव में काफी हरियाली है। तेलंगाना में नियम है कि प्रत्येक ग्राम पंचायत में चार हजार पौधे लगाए जाएंगे। वहां की सड़कें भी काफी साफ-सुधरी मिली। इसके साथ ही जो घर बनाए गए हैं प्रत्येक घर के बीच में डेढ़ से दो मीटर की जगह छोड़ी गई है। इसमें पेड़ लगाए गए हैं।

मुरादाबाद पहुंचे स्वच्छ भारत मिशन के डिस्ट्रिक्ट कंसल्टेंट सुधीर कुमार ने बताया कि गांवों में महिलाओं और बच्चों के लिए अलग-अलग पार्क हैं। एक विलेज गार्डन भी है। वाटर रीचार्ज के लिए सबके यहां सिस्टम हैं। गांवों में बरातघर बने हैं और यहां पर ग्राम पंचायत से स्वीकृति लिए बगैर निर्माण नहीं किया जा सकता है। तेलंगाना का कान्हा कार्बन न्यूट्रल गांव है। हर घर में सोलर पैनल लगे हैं। डीजल-पेट्रोल का धुआं उगलने वाले वाहन न के बराबर हैं। टीम ने देखा कि गांव में किसी ने भी अतिक्रमण नहीं किया हुआ है। 

खेतों में होती है ड्रिप पद्धति से सिंचाई

तेलंगाना में किसान पानी बचाने के लिए ड्रिप पद्धति से सिंचाई करते हैं। वहीं एक गांव में विजिट के दौरान टीम के सदस्यों ने देखा ग्राम प्रधान से लेकर कर्मचारी, अधिकारी, डॉक्टर तक सभी महिलाएं हैं। इसके साथ ही गांवों में ग्रामीण खुद भी साफ-सफाई का ध्यान रखते हैं। सड़क पर कचरा होते ही उसे तुरंत ही कूड़ेदान में डाला जाता है। 

इन थीम पर हो रहा काम

तेलंगाना की ग्राम पंचायतों ने नौ थीम में से चार थीम पर किया गया है। इनमें कार्बन न्यूट्रल, वूमेन फेमिली, ग्रीन एंड क्लीन पंचायत थीम शामिल हैं। कार्बन न्यूट्रल में बिना पेट्रोल और डीजल के वाहन शामिल हैं, जबकि वूमेन फेमिली में गांव में प्रधान से लेकर हर कर्मचारी तक महिलाएं हैं। वहीं ग्रीन एंड क्लीन पंचायत थीम में साफ-सफाई का ध्यान रखा गया है। 

जिला पंचायत राज अधिकारी अभय कुमार यादव के अनुसार डिस्ट्रिक कंसलटेंट स्वच्छ भारत मिशन सुधीर कुमार प्रदेश की 25 सदस्यीय टीम में तेलंगाना के दौरे पर गए थे। यहां पर उन्होंने गांवों को किस तरह से साफ-सुधरा और हरा भरा बनाया जाए, इसके बारे में सीखा। अब मुरादाबाद समेत प्रदेश के गांवों को किस तरह से संवारा जाए, इस पर काम होगा। इसकी रिपोर्ट पंचायत राज विभाग को दी गई है।

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