उत्तर प्रदेश को मिलेगी एक और नए एक्सप्रेस-वे की सौगात, तेजी से निर्माण कार्य जारी
Saral Kisan, UP : उत्तर प्रदेश को विकसित राज्य बनाने के लिए सरकार कोई कोर कसर छोड़ना नहीं चाहती है। इसके लिए राज्य और केंद्र सरकार की ओर से हर क्षेत्र में काम किया जा रहा है। एक ओर जहां राज्य में एक्सप्रेस-वे का जाल बिछाया जा रहा है, वहीं दूसरी ओर उद्योगों को लगाने के लिए आसानी से जमीन और दूसरी सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही है। अब 'महाकुंभ-2025' से पहले उत्तर प्रदेश को एक और बड़ी सौगात देने की तैयारी है। दरअसल, देश के दूसरे सबसे लंबे गंगा एक्सप्रेस-वे को इस साल के अंत तक पूरा कर संचालित करने की योजना है। इसके लिए अधूरे काम को युद्धस्तर पर पूरा किया जा रहा है।
देश का दूसरा सबसे लंबा एक्सप्रेस-वे
देश के दूसरे सबसे लंबे एक्सप्रेस-वे को साल के अंत तक संचालित करने के लिए युद्धस्तर पर कार्य करने के निर्देश मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यूपीडा के अधिकारियों को दिए हैं। एक अधिकारी ने बताया कि गंगा एक्सप्रेस-वे की प्रस्तावित लंबाई 594 किमी है, जो मुम्बई-नागपुर एक्सप्रेस-वे के बाद देश का दूसरा सबसे लंबा एक्सप्रेस-वे बनने जा रहा है। वहीं, भारत के टॉप 10 लंबे एक्सप्रेस-वे में भी प्रदेश के चार एक्सप्रेस-वे पहले से ही अपना स्थान बनाए हुए हैं। गंगा एक्सप्रेस-वे के संचालन के साथ ही शीर्ष 10 में यूपी के 5 एक्सप्रेस-वे शामिल हो जाएंगे।
2025 में महाकुंभ से पहले एक्सप्रेस-वे शुरू होगा
हाल ही में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कार्यदायी एजेंसी यूपीडा के अधिकारियों के साथ इस संबंध में गहन बैठक करते हुए हर हाल में साल के अंत तक गंगा एक्सप्रेस-वे को संचालित करने के निर्देश दिये हैं। 2025 में महाकुंभ से पहले ही इस बहुप्रतीक्षित एक्सप्रेस-वे को शुरू कर दिया जाएगा। अधिकारी के अनुसार गंगा एक्सप्रेस-वे को शुरुआत में छह लेन, जबकि आगे चलकर आठ लेन में विस्तार किये जाने का प्रस्ताव है। इसकी डिजाइन स्पीड 120 किमी प्रतिघंटा होगी। एक्सप्रेस-वे पर विभिन्न स्थानों पर 9 जनसुविधा परिसरों को विकसित किया जाएगा। वहीं, दो स्थानों पर मुख्य टोल प्लाजा (मेरठ और प्रयागराज) जबकि रैम्प टोल प्लाजा 15 स्थानों पर प्रस्तावित हैं।
एक्सप्रेस-वे 12 जिलों के 518 गांवों से होकर गुजरेगा
प्रदेश को पूरब से पश्चिम तक जोड़ते हुए ये एक्सप्रेस-वे 12 जिलों के 518 गांवों से होकर गुजरेगा। इसके बाद मेरठ से हापुड़, बुलंदशहर, अमरोहा, संभल, बदायूं, शाहजहांपुर, हरदोई, उन्नाव, रायबरेली और प्रतापगढ़ होते हुए प्रयागराज तक की दूरी को महज कुछ घंटों में ही तय किया जा सकेगा। गंगा एक्सप्रेसवे मेरठ-बुलंदशहर (एनएच 334) पर बिजौली गांव से शुरू होकर प्रयागराज में एनएच-19 पर जूडापुर दादू गांव के समीप समाप्त होगा। 7,467 हेक्टेयर भूमि पर तैयार होने वाले इस एक्सप्रेस-वे परियोजना की लागत 36,230 करोड़ रुपए है।
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