उत्तर प्रदेश में बदल जाएगा पुलिस के कामकाज का तरीका, पीड़ित को मिलेगी 14 दिन में रिपोर्ट की कॉपी
UP Police : उत्तर प्रदेश में पुलिस का काम करने का तरीका अब बदलने वाला है। उत्तर प्रदेश में आने वाली 1 जुलाई से भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता लागू होने की वजह से पुलिस के कामकाज के तरीका भी बदल जाएगा।
UP Police Latest News : उत्तर प्रदेश में पुलिस का कामकाज करने का तरीका बदलने वाला है। प्रदेश में आगामी 1 जुलाई से प्रदेश की पुलिस बदली बदली नजर आएगी। इन कानून में सबसे बड़ा बदलाव तो यह होगा कि पुलिस का अधिकतर कार्य अब डिजिटल होने जा रहा है। 1 जुलाई के बाद दर्ज होने वाली FIR के दौरान पुलिस रिपोर्ट और दस्तावेजों की प्रति आरोपी के साथ-साथ पीड़ित व्यक्ति को भी मुफ्त दी जाएगी।
पुलिस के कामकाज करने का तरीका नई भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता के लागू होने से बदलेगा। उत्तर प्रदेश पुलिस सोशल मीडिया के माध्यम से 1 जुलाई से होने वाले बदलाव के बारे में लोगों को जागरुक कर रही है।
भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता-2023 में कहा गया है कि पुलिस अधिकारी सूचना देने वाले या पीड़ित व्यक्ति को 90 दिनों के अंदर इलेक्ट्रानिक संचार सहित किसी भी माध्यम से सूचना देंगे। इसमें 20 हजार रुपये से कम की राशि वाले छोटे अपराधों के लिए संक्षिप्त विचारण की प्रक्रिया को अनिवार्य बनाया गया है।
सजा का प्रावधान
मोबाइल फोन और अन्य आडियो-वीडियो इलेक्ट्रानिक माध्यमों से गवाहों से साक्ष्य प्राप्त किया जा सकता है। आरोपी अदालत में इलेक्ट्रानिक रूप से भी उपस्थित हो सकता है। घोषित अपराधी की अनुपस्थिति में भी जांच, मुकदमा या निर्णय की प्रक्रिया चलाई जा सकेगी। भारतीय न्याय संहिता-2023 में भी नए अपराधों को शामिल करते हुए उसके लिए सजा का प्रावधान है। यूपी पुलिस भी इसका प्रचार अपने आधिकारिक "एक्स" हैंडल के जरिए कर रही है। इसमें कहा गया है कि नई भारतीय न्याय संहिता की धारा-304 के तहत स्नैचिंग (चैन स्नैचिंग और मोबाइल स्नैचिंग आदि) में तीन साल की सजा हो सकती है।