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उत्तर प्रदेश के स्मार्ट मीटर, शख्स के आया 11 महीने में 3 लाख रुपये बिल, नहीं लगा था बिजली कनेक्शन

UP Bijli Bill News : स्मार्ट मीटर की गड़बड़ी रुकने का नाम नहीं ले रही है। शनिवार को बख्शी का तालाब में आयोजित संपूर्ण समाधान दिवस पर 11 महीने में तीन लाख का बिन आने का मामला प्रकाश में आया है। बसावन पुरवा निवासी महिला रामकली की शिकायत को दर्ज कर एसडीएम सतीश चंद्र त्रिपाठी ने जांच करने का आदेश दिया है।
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Smart meter of Uttar Pradesh, the person got a bill of Rs 3 lakh in 11 months, there was no electricity connection

Saral Kisan : उत्तर प्रदेश के लखनऊ में बिजली की समस्या काफी अधिक चल रही है। एक तरफ जहां बख्शी का तालाब में स्मार्ट मीटर में गड़बड़ी की शिकायतें मिल रही हैं, वहीं दूसरी तरफ पारा के बीबी खेड़ा में एक परिवार ने 10 महीने पहले बिजली के कनेक्शन के लिए आवेदन किया था, लेकिन आज भी उनकी जिंदगी मोमबत्ती के सहारे चल रही है। आईये जानते हैं इन दो अलग-अलग घटनाओं का बिजली कनेक्शन...

बख्शी का तालाब में संपूर्ण समाधान में मिली शिकायत, जांच के आदेश

स्मार्ट मीटर की गड़बड़ी रुकने का नाम नहीं ले रही है। शनिवार को बख्शी का तालाब में आयोजित संपूर्ण समाधान दिवस पर 11 महीने में तीन लाख का बिन आने का मामला प्रकाश में आया है। बसावन पुरवा निवासी महिला रामकली की शिकायत को दर्ज कर एसडीएम सतीश चंद्र त्रिपाठी ने जांच करने का आदेश दिया है। महिला का आरोप है कि पिछले वर्ष 12 अक्टूबर को स्मार्ट मीटर लगाया गया था। जब कर्मचारी द्वारा मीटर रीडिंग चेक की गई तो बताया गया आपका बकाया तीन लाख रुपये हो गया है। तब से वह बिजली विभाग के चक्कर लगा रही है लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही है।

वहीं राजापुर इंदौरा गांव के नरेंद्र कुमार ने किसानों के साथ पहुंचकर शिकायत दर्ज कराई कि खेत तक जाने वाले चकमार्ग गाटा संख्या-223 और सिंचाई के लिए सरकारी नाली गाटा संख्या-219 को लोगों ने जोत कर खत्म कर दिया है जिससे गांव के किसानों को परेशानी हो रही है। एसडीएम ने राजस्व निरीक्षक क्षेत्रीय लेखपाल को पुलिस फोर्स के साथ मौके की जांच करके कब्जा करने वालों पर कार्रवाई के निर्देश दिए। ऐसी 90 शिकायतों में 21 का निस्तारण किया गया।

मोमबत्ती में पढ़ रही सौम्या, जेई से लेकर मुख्य अभियंता तक की शिकायत

लखनऊ, जितेंद्र उपाध्याय। बिजली विभाग के झटपट पोर्टल पर 10 दिनों में फटाफट कनेक्शन देने के बिजली विभाग के दावे की हकीकत कुछ और ही है। पारा के बीबी खेड़ा निवासी कंचन पांडेय ने पिछले साल 21 दिसंबर को बिजली के कनेक्शन के लिए आवेदन किया था। आवेदन के बाद नजदीकी पावर हाउस फतेहगंज (सरोसा) के चक्कर लगाने के बाद भी कनेक्शन नहीं मिला। चार महीने की दौड़ के बाद अधिकारियों ने आवेदन निरस्त करने की बात कही, लेकिन कारण नहीं बताया और दोबारा आवेदन के लिए कहा। इस साल दो अप्रैल को कंचन ने दोबारा आवेदन किया और फिर उसकी दौड़ शुरू हुई। अधिकारी कनेक्शन क्योंं नहीं दे रहे? इसकी जानकारी नहीं दे रहे। कंचन ने मुख्य अभियंता से लेकर निदेशक वाणिज्य तक से गुहार लगाई, लेेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई।

पड़ोसी से पानी और मोमबत्ती में पढ़ाई

कंचन ने बताया कि बेटी सोम्या और अभिषेक पढ़ाई कर रहे हैं। पीने का पानी तो पड़ोसी से मिल जाता है, लेकिन लाइट के लिए मोमबत्ती का ही सहारा है। मोमबत्ती के सहारे बच्चे पढ़ रहे हैं। यह तब है कि जब घर के बगल में मुझसे बाद आवेदन करने वाले को कनेक्शन दे दिया गया। बिजली न होने से परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। कोई सुन नहीं रहा है। अब ऊर्जा मंत्री एके शर्मा से मिलकर गुहार लगाऊंगी।

दरोगा खेड़ा व जानकीपुरम विस्तार में भी जारी है दौड़

पारा ही नहीं दरोगाखेड़ा के पवन कुमार सिंह ने 23 जून को बिजली के कनेक्शन के लिए आवेदन किया था। 10 दिन के बजाय तीन महीने बीत गए कनेक्शन नहीं दिया जा रहा है। जानकीपुरम विस्तार के न्यू कैंपस पावर हाउस के वसुंधरा कालोनी के निवासियों ने सामूहिक रूप से कनेक्शन के लिए आवेदन किया, लेेकिन तीन महीने अधिक समय से लोग चक्कर लगा रहे, लेकिन कनेक्शन नहीं हो पा रहा है।

बिना कारण बताए कोई भी अधिकारी बिजली कनेक्शन देने से रोक नहीं सकता। यदि ऐसा है तो मामले ही जानकारी लेकर संबंधित अधिकारी से स्पष्टीकरण मांगा जाएगा। पारा, दरोगाखेड़ा और जानकीपुरम विस्तार के अधिकारियों से जानकारी लेकर यदि सबकुछ सही है और कनेक्शन नहीं मिल रहा है तो उसे कनेक्शन दिलाया जाएगा। (योगेश कुमार, निदेशक वाणिज्य, मध्यांचल विद्युत वितरण निगम लि.)

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