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उत्तर प्रदेश सरकार छह डेयरी प्लांटों को दस साल के लिए देगी लीज पर, यह मिलेगा बड़ा फायदा

योगी कैबिनेट ने मंगलवार को प्रदेश के 6 डेयरी प्लांट को 10 वर्षों के लिए लीज पर देने का महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। इस से प्रदेश के पशुपालकों को उचित मूल्य पर दूध मिलने का लाभ होगा, साथ ही गुणवत्तायुक्त दूध भी उपलब्ध होगा।
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Uttar Pradesh government will give six dairy plants on lease for ten years, this will be a big benefit

Saral Kisan : योगी कैबिनेट ने मंगलवार को प्रदेश के 6 डेयरी प्लांट को 10 वर्षों के लिए लीज पर देने का एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। इस से प्रदेश के पशुपालकों को उचित मूल्य पर दूध मिलने का लाभ होगा, साथ ही गुणवत्तापूर्ण दूध भी उपलब्ध होगा।

योगी कैबिनेट ने मंगलवार को प्रदेश के 6 डेयरी प्लांट को 10 वर्षों के लिए लीज पर देने का महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। इस से प्रदेश के पशुपालकों को उचित मूल्य पर दूध मिलने का लाभ होगा, साथ ही गुणवत्तायुक्त दूध भी उपलब्ध होगा।

योगी सरकार ने जिन 6 डेयरी प्लांट को लीज पर देने का निर्णय लिया है, उनमें से कुछ प्लांट पूरी तरह से बंद हैं या फिर कुछ प्लांट्स क्षमता के अनुसार काम नहीं कर रहे हैं। योगी सरकार के इस निर्णय से पीसीडीएफ का सुदृढ़ीकरण होगा, साथ ही डेयरी फेडरेशन, अर्धसरकारी दुग्ध प्रसंस्करण और विपणन संस्थान और दुग्ध संघों को भी बढ़ावा मिलेगा।

प्लांट्स पर पीसीडीएफ और दुग्ध संघों का ही रहेगा स्वामित्व

योगी सरकार ने कैबिनेट में गोरखपुर, कानपुर, नोएडा, प्रयागराज, आजमगढ़ और मुरादाबाद डेयरी प्लांट को 10 वर्षों के लिए लीज पर देने का निर्णय लिया है। इन प्लांट्स को लीज पर देने के बावजूद उनका स्वामित्व पीसीडीएफ और दुग्ध संघों का ही रहेगा। लीज फर्म को केवल इनके प्रबंधन और संचालन के लिए ही दिया जाएगा। इन प्लांट्स की मूल संरचना पर कोई परिवर्तन नहीं हो सकेगा।

बता दें कि वर्तमान में गोरखपुर प्लांट का वार्षिक टर्नओवर 110 करोड़, कानपुर का 325 करोड़, नोएडा का 438 करोड़, प्रयागराज का 65 करोड़, आजमगढ़ का 11 करोड़ और मुरादाबाद का 110 करोड़ है।

ऐसे में आरएफपी के प्रपोजल के अनुसार आवेदन करने वाले फर्मों की न्यूनतम मिल्क हैंडलिंग कैपेसिटी, लीज पर दिये जाने वाले प्लांट्स की क्षमता का 50 प्रतिशत होना आवश्यक है। प्रथम तीन वर्षों में वार्षिक लीज रेंट समान रहेगा, जबकि चौथे वर्ष से लीज रेंट में 5.50 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी की जाएगी।

मालूम हो कि वर्तमान में गोरखपुर का वार्षिक लीज रेंट 4.38 करोड़, कानुपर का 13.56 करोड़, नोएडा का 17.89 करोड़, प्रयागराज का 2.63 करोड़, आजमगढ़ का 44 लाख और मुरादाबाद का 4.38 करोड़ है। इस तरह विभाग को कुल 43.28 करोड़ की राशि वार्षिक लीज रेंट के रूप में मिलेगी।

दुग्ध संघों को नहीं किया जाएगा भंग

इन प्लांट्स को लीज पर लेने के लिए बनास डेयरी गुजरात, साबर डेयरी गुजरात, मदर डेयरी नई दिल्ली और काम्फेड सुधा डेयरी बिहार ने अपनी रुचि दिखाई है। कैबिनेट के निर्णय के अनुसार डेयरी प्लांट को उनके स्थानीयता और स्थिति के आधार पर लीज पर दिया जाएगा। प्लांट को लीज पर लेने वाली फर्मों को सबसे पहले क्षेत्र सहकारी दुग्ध समितियों से दूध खरीदना होगा।

इसके साथ ही इन डेयरी प्लांट्स के संबंधित दुग्ध संघों का बंद करने का कोई इरादा नहीं है, वे यथावत रूप में काम करेंगे। इन प्लांट्स को लीज पर देने से पहले विभाग द्वारा उनके कर्ज को शून्य कर दिया जाएगा।

वहीं इन डेयरी में काम करने वाले पीसीडीएफ के कर्मचारियों को अन्य दुग्ध संघों और पीसीडीएफ इकाइयों में समाहित किया जाएगा। आरएफपी प्रकाशित किए जाने की तिथि से 84 दिनों के अंदर लीज प्रक्रिया को पूरा कर प्लांट का संचालन किया जाना होगा। वहीं लीज फर्म द्वारा एक वर्ष से कम समय में प्लांट का संचालन समाप्त किया जाता है तो सुरक्षा जमा कर ली जाएगी।

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