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उत्तर प्रदेश में आबादी की जमीन पर रहने वालों को घरौनी देगी सरकार, मैपिंग का काम हुआ शुरू

यूपी में आबादी की जमीन पर मेरे सिर फुटव्वल, मेरी चौखट और मेरी चौहद्दी के झगड़े कम होंगे। योगी सरकार ने सभी गांवों को मैप करके प्रत्येक परिवार को घर देना शुरू कर दिया है।

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Government will provide housing to those living on populated land in Uttar Pradesh, mapping work started

Saral Kisan : मेरी चौखट, मेरी चौहद्दी के झगड़े और सिर फुटव्वल के मामले उत्तर प्रदेश में बहुत कम होंगे। लखनऊ के 670 गांवों का ड्रोन मैपिंग किया गया है। सर्वे ऑफ इंडिया अब इस मैप को प्राप्त कर रहा है। इन गांवों में रहने वाले लोगों को शेष प्रक्रियाएं पूरी होने पर घरौनी दी जाएगी।

योगी सरकार ने सभी गांवों को मैपिंग करके प्रत्येक परिवार को घरौनी, या जमीन का प्रमाणपत्र देना शुरू किया है। जिले में अब तक 14169 लोगों को 105 गांवों में घर दिए गए हैं। एडीएम प्रशासन शुभी सिंह ने कहा कि जल्द ही 24 गांवों में घर दिए जाएंगे। गांव में आबादी की जमीन का कोई अभिलेख नहीं था। जो अपनी जमीन का अधिकार खो चुका था और गरीबों पर भारी पड़ रहा था।

कई चरणों की जांच-पड़ताल के बाद बनाया जाता है

ड्रोन से जुड़े गांव की पहली जांच होती है। मैप में किसी व्यक्ति का घर कहां है, कुआं या हैंडपम्प, गौशाला या आंगन की सीमा कहां तक है बताया गया है। इसलिए गाँव में चूने का छिड़काव किया जाता है। इसके बाद लेखपाल स्थान पर जाकर सब कुछ देखकर सुनिश्चित करते हैं कि नक्शा सही है। फिर भारत सरकार को प्रमाणित मैप भेजा जाता है। उसके बाद वह संबंधित जिले में वापस आता है। यहाँ संबंधित गांव से आपत्तियां मांगी जाती हैं। घरौनी इसके बाद दी जाती है।

कितनी घरौनी बंटी है?

तहसील घरों में रहने वाले लोग

BKT2726

मैलीहाबाद 7937

मोहनलालगंज में 

कुल 672

सरोजनी नगर, 2834

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