उत्तर प्रदेश के ग्रामीण इलाकों में बिना नक्शे के नहीं बना सकेंगे घर, जारी हुआ नया नियम
पहले शहर में घर या बंगलो बनाने के लिए उसके स्ट्रक्चर की जरूरत थी। लेकिन अब ग्रामीण इलाकों में भी घर बनाने के लिए स्ट्रक्चर की आवश्यकता होने लगी है। अब ग्रामीण इलाकों में भी घर बनवाने से पहले स्ट्रक्चर पास करवाकर अनुमति लेनी होगी।
UP News : पहले शहर में घर या बंगलो बनाने के लिए उसके स्ट्रक्चर की जरूरत थी। लेकिन अब ग्रामीण इलाकों में भी घर बनाने के लिए स्ट्रक्चर की आवश्यकता होने लगी है। अब ग्रामीण इलाकों में भी घर बनवाने से पहले स्ट्रक्चर पास करवाकर अनुमति लेनी होगी। निर्माण कार्य शुरू करने के लिए आपको अनुमति चाहिए। अब ग्रामीण क्षेत्र में भी घर बनवाने से पहले नक्शे की मंजूरी लेनी होगी। ग्रामीण क्षेत्र में घर बनवाने से पहले किसकी मंजूरी चाहिए?
जिला पंचायत प्रशासन से अनुमोदन
वास्तव में, ग्रामीण क्षेत्रों में भी घर बनवाने से पहले आपको मानचित्र पास करने के लिए जिला पंचायत प्रशासन से संपर्क करना होगा। यहां से मंजूरी मिलने के बाद ही आप अपना घर बना सकते हैं। हालाँकि, मकान मालिक अपने घर से 300 वर्ग मीटर दूर रहकर निर्माण शुरू कर सकता है। वहीं सरकार की पंजीकृत आर्कटिक द्वारा डिजायन किए गए मकान के मानचित्र की अनुमति के बाद ही निर्माण कार्य शुरू हो सकता है। जबकि मूल आबादी में गौशाला और आवासीय कृषि भवन बनाने के लिए ऐसा कोई प्रावधान नहीं था।
इस मानचित्र को बनाने के लिए पंचायत ने आवासीय और व्यावसायिक भवन के लिए अलग-अलग शुल्क निर्धारित किए हैं।
अगर आप शैक्षणिक या आवासीय भवन बनवा रहे हैं, तो आपको ₹25,000 प्रति वर्ग मीटर पंचायत में देना होगा।
अगर आप व्यवसाय के लिए घर बनवाने जा रहे हैं तो आपको पंचायत में ₹50,000 प्रति वर्ग मीटर देना होगा।
इसके लिए आपको जिला पंचायत में एस्टीमेट कागज, खतौनी, आधार कार्ड और मानचित्र की एक फोटो कॉपी देनी होगी।
शासन के आदेश का पालन करना होगा
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, उत्तर प्रदेश के मुख्य अधिकारी नरेंद्र कुमार ने कहा कि गांव पंचायत में 300 वर्ग मीटर से अधिक क्षेत्रफल में घर बनाने के लिए मानचित्र बनाना होगा। मानचित्र पास कराने के बिना किसी भी भवन का निर्माण संभव नहीं है। अगर सभी मानकों को पूरा नहीं किया जाता, तो आवेदन पत्र भी खारिज कर दिया जाएगा।