UP : अब पेरिस जैसा होगा यूपी, योगी सरकार ने लिया बड़ा फैसला, Delhi NCR जैसी की जाएगी व्यवस्था
उत्तर प्रदेश में समेकित नियोजित विकास के लिए दिल्ली-एनसीआर प्लानिंग बोर्ड जैसी दूसरे कई प्रदेशों में रीजनल डेवलपमेंट अथारिटी की व्यवस्था है। उत्तर प्रदेश में भी अब क्षेत्रीय स्तर पर सुनियोजित विकास सुनिश्चित करने के लिए आवास एवं शहरी नियोजन विभाग का भी दायित्व संभाल रहे मुख्य मंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर स्टेट कैपिटल रीजन डेवलपमेंट अथारिटी प्रस्तावित है।
Saral Kisan : अब बड़े शहरों के साथ ही उसके आसपास के जिलों को ध्यान में रखते हुए पूरे क्षेत्र का सुनियोजित विकास सुनिश्चित किया जाएगा। इसके लिए रीजनल डेवलपमेंट अथॉरिटी (क्षेत्रीय विकास प्राधिकरण) का गठन किया जाएगा। एनसीआर प्लानिंग बोर्ड की तर्ज पर राजधानी लखनऊ सहित छह जिलों को मिलाकर स्टेट कैपिटल रीजन डेवलपमेंट अथॉरिटी (एससीआरडीए) बनाई जाएगी।
अथॉरिटी के अध्यक्ष होगी मुख्यमंत्री योगी
अथॉरिटी के अध्यक्ष मुख्यमंत्री और उपाध्यक्ष मुख्य सचिव तथा आवास एवं शहरी नियोजन विभाग के अपर मुख्य सचिव पदेन सदस्य सचिव होंगे। अथॉरिटीके कार्यों के सहयोग के लिए एक कार्यकारी समिति होगी। रीजनल डेवलपमेंट अथॉरिटीके मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) समिति के अध्यक्ष होंगे।
अथॉरिटी गठन के संबंध में राज्य सरकार ने उत्तर प्रदेश स्टेट कैपिटल रीजन एंड अदर रीजन्स डेवलपमेंट अथॉरिटीविधेयक-2023 का मसौदा तैयार किया है। प्रस्तावित विधेयक को अंतिम रूप देने के लिए डाफ्ट पर सुझाव व आपत्तियां मांगी जाएंगी। आवास बंधु (awasbandhu.in) की वेबसाइट पर शनिवार से ड्रॉफ्ट को देखा जा सकेगा।
स्टेट कैपिटल रीजन डेवलपमेंट अथॉरिटी प्रस्तावित
दरअसल, समेकित नियोजित विकास के लिए दिल्ली-एनसीआर प्लानिंग बोर्ड जैसी दूसरे कई प्रदेशों में रीजनल डेवलपमेंट अथॉरिटीकी व्यवस्था है। उत्तर प्रदेश में भी अब क्षेत्रीय स्तर पर सुनियोजित विकास सुनिश्चित करने के लिए आवास एवं शहरी नियोजन विभाग का भी दायित्व संभाल रहे मुख्य मंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर स्टेट कैपिटल रीजन डेवलपमेंट अथॉरिटीप्रस्तावित है।
इसमें लखनऊ, हरदोई, सीतापुर, उन्नाव, रायबरेली व बाराबंकी जिले को शामिल किया गया है। 27,826 वर्ग किमी के दायरे वाले इन जिलों की वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार 2.29 करोड़ आबादी है। अथॉरिटीगठऩ के संबंध में आवास विभाग द्वारा प्रस्तावित विधेयक के मुताबिक क्षेत्र का रीजनल प्लान बनाने के साथ ही फंक्शनल, मास्टर, प्रोजेक्ट प्लान, विकास योजना बनाने के लिए अथॉरिटीअधीनस्थ विभागों के साथ समन्वय करेगी और रीजनल प्लान के अनुसार इन्फ्रास्ट्रक्चर प्लान का क्रियान्वयन सुनिश्चित के संबंध में निर्देश दे सकेगी।
अथॉरिटी कर सकेगी भूमि अधिग्रहण
शासकीय फंड व अन्य माध्यमों से आर्थिक संसाधन की व्यवस्था भी अथॉरिटी करेगी। गौर करने की बात यह है कि रीजनल अथॉरिटी को क्षेत्र के विकास प्राधिकरणों के विकास क्षेत्र, मास्टर प्लान की मंजूरी आदि के संबंध में शासन के अधिकार हासिल होंगे। अथॉरिटी किसी भी मेगा स्कीम आदि के लिए भूमि अधिग्रहण भी कर सकेगी। रीजनल प्लान के उल्लघंन पर वित्तीय मदद रोकने के साथ ही जिम्मेदारों के खिलाफ कार्रवाई करने का अधिकार भी अथॉरिटीको होगा।
राजधानी लखनऊ में एससीआरडीए का मुख्यालय होगा और नागरिकों की सुविधा के लिए जिलों में क्षेत्रीय कार्यालय होंगे। विभागीय अधिकारियों के अनुसार एससीआरडीए की तरह राज्य में आठ और रीजनल डेवलपमेंट अथॉरिटीका गठन भी किया जा सकता है।