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UP News : उत्तर प्रदेश के इस जिले को मिली हनुमान मंदिर कॉरिडोर की सौगात, जमीन हुई चिन्हित

UP News : बड़े हनुमान मंडिर कॉरिडोर को काशी विश्वनाथ धाम, विंध्याचल धाम, अयोध्या और उज्जैन के महाकाल कॉरिडोर की तरह बनाने की योजना है। रक्षा संपदा विभाग ने प्रयागराज मेला प्राधिकरण और सेना के संयुक्त सर्वे के बाद रिपोर्ट रक्षा मंत्रालय को भेजी है।

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UP News: This district of Uttar Pradesh got the gift of Hanuman Temple corridor, land has been identified.

UP News : बड़ा हनुमान मंदिर कॉरिडोर महाकुंभ-2025 से पहले देश-विदेश से संतों-भक्तों को मिलेगा। योगी आदित्यनाथ सरकार द्वारा संगम पर प्रस्तावित प्रयागराज की पहली कॉरिडोर योजना को सेना की अनुमति मिलने की उम्मीद है। बड़े हनुमान मंडिर कॉरिडोर को काशी विश्वनाथ धाम, विंध्याचल धाम, अयोध्या और उज्जैन के महाकाल कॉरिडोर की तरह बनाने की योजना है। रक्षा संपदा विभाग ने प्रयागराज मेला प्राधिकरण और सेना के संयुक्त सर्वे के बाद रिपोर्ट रक्षा मंत्रालय को भेजी है।

योगी सरकार की पहली प्राथमिकता में महाकुंभ से पहले प्रयागराज के तीर्थों का कायाकल्प है। धार्मिक पर्यटन को बढ़ाने के लिए हनुमान मंदिर को नया रूप मिलेगा। मंदिर के आसपास 11589 स्क्वायर मीटर जमीन इसके लिए चिह्नित की गई है।

विशाल गर्भगृह के साथ बनेगा परिक्रमा मार्ग

535 स्क्वायर मीटर में बड़े हनुमान मंदिर के गर्भगृह और परिक्रमा पथ का निर्माण होगा। विपरीत, कॉरिडोर क्षेत्र को 2184 स्क्वायर मीटर जमीन दी गई है। इस कॉरिडोर एरिया में 6176 स्क्वायर मीटर का खुला क्षेत्र पाथवे, पूजा-प्रसाद, फूलमाला की दुकानें और श्रद्धालुओं के लिए उपलब्ध होगा। साथ ही, कॉरिडोर रोड के लिए 1310 स्क्वायर मीटर और पैदल परिक्रमा पथ के लिए 760 स्क्वायर मीटर जमीन प्रस्तावित की गई है। साथ ही, प्रयागराज मेला प्राधिकरण ने करीब ४० करोड़ रुपये की कॉरिडोर परियोजना का डिजाइन बनाया है।

इस मंदिर कॉरिडोर परियोजना को आगे बढ़ाने के लिए मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र ने अफसरों के साथ चर्चा की है। ADM कुंभ मेला दयानंद प्रसाद ने कहा कि हनुमान मंदिर कॉरिडोर का डिजाइन पूरा हो चुका है। पोर्टल पर एनओसी की मांग की गई है। सेना से अनुमति मिलने पर इस सपने की योजना पर काम शुरू होगा। हनुमान मंदिर कॉरिडोर परियोजना के लिए सैन्य अधिकारियों और मेला प्राधिकरण के साथ एक संयुक्त सर्वे कराया गया है। इस रिपोर्ट को औचित्य के साथ रक्षा मंत्रालय को भेजा गया है। शीर्ष स्तर पर अनुमति की प्रतीक्षा है।

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