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UP News: उत्तर प्रदेश के इस शहर में कुत्तों का कुनबा पहुंचा 50000 पार, जारी रहेगी अगले 5 साल से ज्यादा वक्त तक नसबंदी

नगर निगम के पशु चिकित्साधिकारी डॉ. राजेश ने बताया कि किसी भी शहर में कुत्ते लगभग तीन फीसदी लोगों की आबादी का हिस्सा हैं। यदि अलीगढ़ की जनसंख्या लगभग 15 लाख होती है, तो वहाँ लगभग 45 से 50 हजार कुत्ते हो सकते हैं। ऐसे में नसबंदी की प्रक्रिया पूरी होने में लगभग पांच या छह वर्ष लग सकते हैं।
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UP News: In this city of Uttar Pradesh, the number of dogs crossed 50000, sterilization will continue for more than next 5 years.

Saral Kisan : आपको बता दे की 50 हजार से अधिक कुत्ते अलीगढ़ में रहते हैं। इस वर्ष दो लोग कुत्तों से मारे गए हैं। वहीं, पिछले नौ महीने में लगभग 85 हजार से अधिक लोगों को रैबीज इंजेक्शन लगाया गया है। ऐसे में कुत्तों को डरने से बचाने के लिए लंबे समय तक इंतजार करना होगा। तेजी से बढ़ती हुई आबादी को नियंत्रित करने के लिए नगर निगम ने नसबंदी का अभियान चलाया है। इसे पूरा करने में लगभग पांच से छह वर्ष लगेंगे। 700 कुत्तों को हर महीने नसबंदी करने का लक्ष्य है।

2017–2018 में लगभग 2650 कुत्तों की नसबंदी की गई थी। इसके बावजूद इनकी संख्या इतनी बढ़ने का कोई उपाय नहीं है। इनकी नसबंदी शहर में दूसरी बार हुई है। नर कुत्ते की नसबंदी लगभग 10 मिनट और मादा कुत्ते की नसबंदी 20 मिनट लगती है। बाद में सामान्य होने में तीन से चार दिन लगते हैं।

अब तक लगभग 1500 कुत्तों की नसबंदी हुई है, लगभग 900 नर और छह सौ मादा। 20 से 25 कुत्तों को प्रतिदिन गिरफ्तार किया जाता है। क्वार्सी चौराहे से अनूपशहर रोड की ओर स्थित नगर निगम के एनीमल बर्थ कंट्रोल सेंटर में उनका स्थानांतरण किया जा रहा है। एक कुत्ते की नसबंदी कराने का मूल्य लगभग 918 रुपये है। खैर के बामनी गांव की संस्था मैसर्स दक्ष फाउंडेशन को इसका ठेका मिला है। नगर निगम के पास नौ बड़े पिंजड़े हैं जो छह कुत्ते को एक साथ रख सकते हैं। वहाँ कुत्ते के लिए नौ पिंजड़े हैं। इस तरह कुल पंद्रह पिंजड़े हैं।

50 क्षेत्रों में पकड़े गए कुत्ते

टनटनपाड़ा, बनियापाड़ा, उस्मानपाड़ा, जयगंज, वार्ड नंबर 85 और 87, सासनीगेट, बदामनगर, जीवनगढ़, केलानगर, इकरा कॉलोनी, अवंतिका फेज वन, राधिका एन्क्लेव, मेडिकल कॉलोनी, अब्दुल्ला गर्ल्स कॉलेज, एएमयू सर्किल, फ्रेंडस कॉलोनी, मैरिस रोड, आयकर भवन के निकट। लगभग पच्चीस मोहल्लों से कुत्तों को पकड़कर नसबंदी की गई है।

तीन प्रतिशत लोग कुत्ते हैं

नगर निगम के पशु चिकित्साधिकारी डॉ. राजेश ने बताया कि किसी भी शहर में कुत्ते लगभग तीन फीसदी लोगों की आबादी का हिस्सा हैं। यदि अलीगढ़ की जनसंख्या लगभग 15 लाख होती है, तो वहाँ लगभग 45 से 50 हजार कुत्ते हो सकते हैं। ऐसे में नसबंदी की प्रक्रिया पूरी होने में लगभग पांच या छह वर्ष लग सकते हैं। 2017–2018 में 2650 कुत्तों को नसबंदी की गई, जो शहर में 50,000 से अधिक कुत्तों को नसबंदी करने का दूसरा मौका था. इस वर्ष, लगभग 1500 कुत्तों को नसबंदी के लिए पकड़ा गया था। नर कुत्ते की नसबंदी का खर्च 918 रुपये प्रति कुत्ता है, जबकि मादा कुत्ते की नसबंदी 20 मिनट लगती है।

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