UP News : उत्तर प्रदेश के इस शहर में बंदरों की वजह से दहशत का माहौल
Saral Kisan : इस बीच, गाजियाबाद में पिछले महीने बंदरों के काटने के मामले बढ़े हैं। जिससे स्वास्थ्य विभाग सतर्क है। गाजियाबाद के मुख्य चिकित्सा अधिकारी भवतोष संखधर ने कहा कि आरबी वैक्सीन पीएचसी और सीएचसी में उपलब्ध है। बंदरों को काटने पर इन वैक्सीनों को खिलाया जाता है। बंदरों से बचने के लिए भी एडवाइजरी जारी की गई है। ऐसी कोई भी कार्रवाई करने के लिए मना किया गया है जो बंदर को हिंसक बना दे। एंटी रेबीज क्लिनिक भी जिला संजय नगर अस्पताल में मरीजों के लिए उपलब्ध है। वह किसी भी समस्या में क्लीनिक में जाकर वैक्सीन और आगे का इलाज भी ले सकता है।
बंदरों को काटने पर क्या करें
मंकी बाइट के तुरंत बाद आपको अपने निकटतम चिकित्सालय जाने की जरूरत है। मंकी बाइट के मामले में प्राथमिक उपचार की जरूरत रहती है, डॉक्टर से मिलने से पहले। बंदरों के काटे हुए स्थान को साबुन और पानी से पहले अच्छी तरह धोना चाहिए। कटे हुए घाव को देखना चाहिए, जिसमें कुछ फंसा हुआ है, जैसे बाल या दाँत।अगर घाव बहुत बड़ा हो और खून बह रहा हो तो पट्टी बांधनी चाहिए।उस क्षेत्र पर एंटी-बैक्टीरियल क्रीम भी लगानी चाहिए। इसके बाद टिटनेस और रेबीज का इंजेक्शन लगाना चाहिए। इलाज नहीं मिलने पर व्यक्ति की मौत भी हो सकती है।
ये पढ़ें : उत्तर प्रदेश में बिजली बिल वसूलने गई टीम के साथ गलत हरकत, मुश्किल से बचाई अपनी जान