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यूपी के किसान ने की बड़े कमाल की खेती... 20 हजार की लागत में कमा रहा 5 लाख का मुनाफा

वर्तमान में परंपरागत खेती कर रहे किसान दूसरी फसलों की खेती की ओर बढ़ रहे हैं। ऐसे में किसानों को लेमनग्रास की खेती आकर्षित कर रही है। 50 हजार रुपये की बुआई की लागत से इस फसल का किसान आसानी से हर साल 4 से 5 लाख रुपये का मुनाफा कमा सकता है।

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UP farmer did amazing farming...earning a profit of Rs 5 lakh at a cost of Rs 20 thousand

Saral Kisan News : लैमनग्रास की खेती एक अच्छी खेती है, हापुड़ के वरिष्ठ वैज्ञानिक उद्यान डॉ. वीरेन्द्र पाल गंगवार का कहना है। लैमनग्रास के पौधे बहुत आसानी से बड़े होते हैं। 12 से 13 टन प्रति हैक्टेयर लेमनग्रास निकलती है। लेकिन साल भर में 60 से 65 टन लेमनग्रास का उत्पादन हो सकता है। उन्होंने बताया कि एक टन घास से लगभग पांच लीटर तेल निकलता है, जो प्रति लीटर १२०० से १५०० रुपये के बीच बिक्री होती है।

खेती से चार से पांच लाख रुपये का मुनाफा मिलेगा

डॉ. वीरेन्द्र पाल गंगवार ने बताया कि लेमनग्रास की बुआई करने पर शुरूआत में लगभग 50 हजार रुपये खर्च होते हैं। इसके बाद लेमनग्रास को हर बार बुआई नहीं करनी चाहिए। छोटे पौधे आसानी से बड़े होते हैं और फसल को फिर से तैयार करने के लिए 20 से 25 हजार रुपये की लागत आती है। इस फसल से किसान आसानी से एक वर्ष में चार से पांच लाख रुपये का मुनाफा कमा सकता है।

ये लेमनग्रास के फायदे हैं

डॉ. वीरेन्द्र पाल गंगवार ने बताया कि कॉस्मेटिक क्षेत्र में लेमनग्रास का अधिक उपयोग होता है। इसका ऑयल भी बहुत उपयोगी है। लेमनग्रास को दवा बनाने के लिए भी खरीदा जाता है और यह साबुन और अन्य डिटर्जेंट में मिलता है।

जब मार्केट आसान हो जाता है, तो रास्ता आसान होता है

लेमनग्रास की खेती करने वाले किसानों को कम लागत में अधिक मुनाफा मिलता है, लेकिन लेमनग्रास ऑयल को सेल करने में सबसे बड़ी समस्या है। लीटर में 1200 रुपये से 1500 रुपये तक बिकने वाले लेमनग्रास ऑयल को बेचने के लिए किसानों को कड़ी मेहनत करनी पड़ती है।

डॉ. वीरेन्द्रपाल गंगवार, वरिष्ठ वैज्ञानिक उद्यान, ने कहा कि ऑयल की मांग कम है। यही कारण है कि किसानों को इसकी सेल करने में बहुत समस्याएं आती हैं। किसानों की राहें आसान हो सकती हैं अगर आसानी से लेमनग्रास ऑयल खरीदने वाली कंपनियां मिलें।

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