UP City : गोरखपुर, कानपुर व रामपुर, जानिए क्यों लगता है पीछे पुर, जानें इसके बारे में
UP : भारत विश्व में सबसे बड़ा लोकतांत्रिक देश है। यहां बसे हुए हर एक शहर की अपनी संस्कृति, विरासत और समृद्ध इतिहास है। भारत का हर शहर अपने आप में कई वर्षों का इतिहास समेटे हुए है और इस इतिहास में उस शहर का नाम भी शामिल है।
भारत में आपने कई शहरों और गांव के नाम में
‘पुर’ लिखा देखा होगा। उदाहरण के तौर पर, जयपुर, उदयपुर, रायपुर, गोरखपुर, कानपुर व रामपुर आदि। ऐसे में क्या आपने कभी सोचा है कि इन जगहों के नाम में आखिर पुर शब्द का क्यों इस्तेमाल किया गया है।
यदि नहीं, तो इस लेख के माध्यम से हम जगहों के नाम में जुड़े इस ‘पुर’ शब्द की कहानी को जानेंगे। जानने के लिए यह पूरा लेख पढ़ें।
किस तरह जोड़ा गया है पुर-
पुर को प्राचीन काल से ही शहरों के नाम में जोड़ा गया है और यह आखिर में इस्तेमाल होता है। पुराने समय में कई राजा-महाराजाओं ने अपने नाम के साथ इसे जोड़कर शहर का नाम रख दिया था। उदाहरण के तौर पर जयपुर शहर का निर्माण राजा जयसिंह ने कराया था। ऐसे में उन्होंने उनके नाम के साथ पुर को जोड़कर जयपुर नाम रखा गया।
क्या होता है पुर का मतलब
पुर के मतलब की बात करें, तो पुर शब्द का उल्लेख ऋग्वेद में मिलता है। यह एक प्राचीन संस्कृत शब्द है, जिसका मतलब होता है शहर या किला। पुराने समय में राजा महाराजाओं की अलग-अलग शहरों में अपनी-अपनी रियासतें हुआ करती थीं।
ऐसे में अपनी रियासत को नाम देने के लिए कुछ राजा महाराजाओं द्वारा अपने या फिर किसी खास वस्तु के नाम के साथ पुर शब्द का इस्तेमाल किया जाने लगा था। शब्द के शुरुआत में खास चीज का नाम रखा जाता था और शब्द के आखिर में पुर शब्द को जोड़ दिया जाता था। इससे उस जगह का नाम पड़ जाता था।
अफगानिस्तान और ईरान में इस्तेमाल होता है पुर-
कुछ भाषा के जानकार मानते हैं कि पुर शब्द का इस्तेमाल अरबी भाषा में भी होता है। यही वजह है कि अफगानिस्तान और ईरान के कुछ शहरों में नाम के साथ पुर लिखा गया है।
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