ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत लोन लेकर लगाई थी आटा चक्की, अब हो रही लाखों में कमाई
शीतला देवी की प्रेरणा से पुष्पा ने स्वयं सहायता समूह में शामिल होकर काम करने लगी। विभिन्न प्रशिक्षणों के बाद वह अपनी आय को बढ़ाना चाहती थी। तभी पुष्पा देवी ने राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन से धन लेकर आटा चक्की शुरू की। जो वह खुद संचालित करती है।
Saral Kisan - केंद्र और राज्य सरकारों ने महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए कई योजनाएं बनाई हैं। जिससे वे स्वतंत्र हो सकें। साथ ही अपने परिवार को खिला सकें। सरकार ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत स्वयं सहायता समूहों से जोड़कर इन महिलाओं को स्वरोजगार की ओर प्रेरित कर रही है। पुष्पा देवी नाम की महिला हरचंदपुर विकास क्षेत्र के हिडाईन गांव में रहती थी और एक बहुत गरीब परिवार से थी। उन्हें अपनी गरीबी को दूर करने का विचार आया. 2013 में गांव की ही शीतला देवी ने पुष्पा देवी को ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत चल रहे स्वयं सहायता समूह से जुड़ने की सलाह दी और पूरी जानकारी दी।
समाज में अपनी अलग छवि बनाई
शीतला देवी की प्रेरणा से पुष्पा ने स्वयं सहायता समूह में शामिल होकर काम करने लगी। विभिन्न प्रशिक्षणों के बाद वह अपनी आय को बढ़ाना चाहती थी। तभी पुष्पा देवी ने राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन से धन लेकर आटा चक्की शुरू की। जो वह खुद संचालित करती है। आज वह इस आटा चक्की से लाखों रुपये की कमाई कर रही है। पुष्पा देवी कहती हैं कि आटा चक्की ने उनके जीवन में एक नया बदलाव लाया है और आज वे समाज में एक नई पहचान बना रहे हैं। उधर, समूह की महिलाओं को आर्थिक रूप से मजबूत बनाने के लिए राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन ने लखपति दीदी ऐप बनाया है।
समूह को नई पहचान मिली
हिडाईन गांव की पुष्पा देवी ने कहा कि सरकार की ग्रामीण आजीविका मिशन योजना से महिलाओं को नई पहचान मिली है। हमारी आर्थिक स्थिति एक समय बहुत खराब थी। लेकिन आज हमने अपना व्यवसाय शुरू किया और समाज में नई पहचान बनाई। ग्रामीण आजीविका मिशन योजना के जिला मिशन प्रबंधक रायबरेली शैलेश तिवारी ने कहा कि क्षेत्र की महिलाएं लघु उद्योगों में काम करने लगी हैं और आत्मनिर्भर बनने लगी हैं।
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