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सिर्फ प्रदूषण की वजह से नहीं लगाए जाते डिवाइडर पर पेड़-पौधे, माजरा कुछ और हैं

यह हरे-भरे पेड़ सड़कों के किनारे और बीचों-बीच लगे रहते हैं और कार्बन डाइऑक्साइड को यहीं अवशोषित करते हैं, साथ ही ऑक्सीजन भी छोड़ते रहते हैं।

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Trees and plants are not planted on dividers only because of pollution, the matter is something else

Saral Kisan : जब आप हाईवे पर चलते हैं तो आप देखते हैं कि सड़क के बीच में डिवाइडर बनाए गए हैं और उन पर बहुत से पेड़ पौधे लगे हैं। लेकिन क्या आपने कभी सोचा कि आखिर ऐसा क्यों होता है? क्या वे प्रदूषण को कम करने के लिए डिवाइडर पर लगाए जाते हैं या बस इसलिए कि वे सुंदर दिखते हैं? अगर आप सही उत्तर नहीं जानते हैं, तो आज हम आपको बताते हैं कि आखिर सड़कों पर यह पेड़ क्यों लगे हैं।

आंखों को राहत देने के लिए

आपको पता होगा कि हमारी आंखों के लिए हरा रंग बहुत फायदेमंद है। यही कारण है कि लंबी दूरी के हाईवे पर सड़कों के बीचों बीच हरे पौधे लगाए जाते हैं, ताकि चालकों की आंखें आराम करें। इसके अलावा, पत्थर की काली सड़क के बीचों बीच हरियाली देखकर मन प्रसन्न हो जाता है।

प्रदूषण भी होता है कम

सड़कों पर इतनी गाड़ियां चलती हैं उनके साइलेंसर से निकलने वाले कार्बन डाइऑक्साइड से पूरी पृथ्वी प्रदूषित हो रही है. लेकिन सड़कों के किनारे और बीचों-बीच लगे हरे भरे यह पेड़ पौधे कार्बन डाइऑक्साइड को यहीं अवशोषित कर लेते हैं और लगातार ऑक्सीजन छोड़ते रहते हैं. इससे पृथ्वी पर होने वाले प्रदूषण में भी कमी आती है. यही वजह है कि देश दुनिया में कहीं भी आप चले जाएंगे तो वहां यह जरूर पाएंगे कि सड़कों के किनारे या फिर डिवाइडर के ऊपर हरे भरे पेड़ पौधे लगाए जाते हैं.

ध्वनि प्रदूषण भी कम होता है

क्या आपको मालूम है कि पेड़ पौधों से भी ध्वनि प्रदूषण को कम किया जा सकता है. दरअसल, सड़कों पर चलने वाली गाड़ियों से इतना ज्यादा ध्वनि प्रदूषण होता है कि अगर इनके अगल-बगल पेड़ पौधे ना हों तो यह आसपास रहने वाले लोगों को बहरा कर दें. हाईवे के किनारे या फिर दीवारों के ऊपर लगे यह पेड़ पौधे शोर को अवशोषित करने का काम करते हैं जिसकी वजह से वहां ध्वनि प्रदूषण कम हो जाता है.

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