खाटू श्याम जाने के लिए उज्जैन, ओंकारेश्वर से बढ़ सकती हैं ट्रेनें, मध्य प्रदेश सरकार ने राजस्थान के सीएम को लिखा पत्र
MP News : मध्य प्रदेश और राजस्थान के सीएम की बैठक के दस दिन बाद खाटू श्याम से महाकाल तक कॉरिडोर बनाने की परियोजना पर काम शुरू हो गया है। इसके तहत मध्य प्रदेश सरकार ने पहल करते हुए राजस्थान सरकार को पत्र लिखकर केंद्र सरकार से बात करने और दोनों राज्यों के बीच ट्रेनों की संख्या या फ्रीक्वेंसी बढ़ाने के लिए संयुक्त प्रयास करने को कहा। इस पत्र में बताया गया है कि मध्य प्रदेश और राजस्थान के बीच ट्रेनों की संख्या कम होने के कारण राजस्थान जाने वाले पर्यटक मध्य प्रदेश नहीं आ पाते हैं, इसलिए इनकी संख्या और फेरे बढ़ाए जाएं। मध्य प्रदेश सरकार इस संबंध में केंद्र सरकार से भी चर्चा करेगी। दूसरा पत्र रतलाम मंडल के डीआरएम को लिखा गया है, ताकि पता चल सके कि कितनी ट्रेनें बढ़ाई जा सकती हैं या जो ट्रेनें चल रही हैं, उनके फेरे बढ़ाए जा सकते हैं।
उल्लेखनीय है कि कुछ दिन पहले राजस्थान के मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा मध्यप्रदेश आए थे और उन्होंने मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के साथ कई प्रोजेक्ट के एमओयू साइन किए थे। इसमें से एक एमओयू पर यह हस्ताक्षर किए गए कि दोनों राज्यों के बीच पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए एमपी के ओंकारेश्वर और महाकाल को राजस्थान के खाटू श्याम धाम से जोड़ने के लिए एक विशेष सर्किट बनाया जाना चाहिए।
मध्य प्रदेश में इंदौर और राजस्थान में जयपुर सबसे बड़े स्टेशन
उज्जैन से खाटू श्याम मंदिर की दूरी करीब 600 किलोमीटर है। जब मध्यप्रदेश सरकार ने इस मार्ग पर परिवहन के साधनों के बारे में जानकारी ली तो पता चला कि दोनों राज्यों के बीच ट्रेनों से ज्यादा बस सेवा है। खाटू श्याम जी का सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन रींगस है, जो 18.5 किलोमीटर की दूरी पर है, लेकिन यहां कोई बड़ी लंबी दूरी की ट्रेन नहीं आती है। जबकि सबसे बड़ा रेलवे स्टेशन जयपुर खाटू श्याम जी से 68 किलोमीटर दूर है। यहां से बसें और टैक्सियां आसानी से मिल जाती हैं। इसी तरह यहां मध्यप्रदेश में कॉरिडोर का दूसरा धार्मिक स्थल ओंकारेश्वर इंदौर से करीब 77 किलोमीटर दूर है। यहां से भी टैक्सियां और बसें मिलती हैं।