home page

इस ट्रेन के आगे रुक जाती है वंदे भारत और राजधानी, ट्रैक पर मिलती है सबसे अधिक तवज्जो

भारत में पैसेंजर, शताब्‍दी, राजधानी, वंदे भारत, अमृत भारत और दूरंतों जैसी ट्रेनें अब पटरियों पर दौड़ रही हैं. रेलवे ने हर श्रेणी की ट्रेन की वरीयता भी निर्धारित कर रखी है.
 | 
Vande Bharat and Rajdhani stop in front of this train, it gets the most attention on the track
Highest Priority Trains in India : भारत में पैसेंजर, शताब्‍दी, राजधानी, वंदे भारत, अमृत भारत और दूरंतों जैसी ट्रेनें अब पटरियों पर दौड़ रही हैं. रेलवे ने हर श्रेणी की ट्रेन की वरीयता भी निर्धारित कर रखी है. इसका मतलब है कि कौन सी ट्रेन को पहले रास्‍ता मिलेगा और किसे बाद में. आम दिनों में राजधानी ट्रेनों को सबसे ज्यादा तवज्जो मिलती है. यानी इसे सभी ट्रेनों को रोककर पहले गुजरने दिया जाता है. लेकिन, भारत में एक ट्रेन ऐसी भी है, जिसे वंदे भारत हो या फिर शताब्‍दी या राजधानी, सभी को रास्‍ता देना पड़ता है.

भारतीय रेलवे के वरीयता क्रम में पैसेंजर ट्रेन सबसे नीचे है. पटरी पर दूसरी कोई भी ट्रेन आने पर पैसेंजर को रुककर उस दूसरी ट्रेन को क्रॉसिंग देनी होती है. यही वजह है कि पैसेंजर ट्रेन को अपना सफर तय करने में ज्‍यादा समय लगता है.आम दिनों में राजधानी एक्सप्रेस और वंदे भारत एक्‍सप्रेस को सबसे ज्‍यादा तव्‍वजो मिलती है. राजधानी के बाद, शताब्दी एक्‍सप्रेस ट्रेन को सबसे ज्‍यादा तव्‍वजो दी जाती है. यह ट्रेन एक दिन में ही अपनी यात्रा पूरी कर लेती है.

वरीयता क्रम में 2009 में लॉन्‍च की गई दुरंतो एक्सप्रेस पांचवें स्‍थान पर है. राजधानी और शताब्‍दी को छोड़कर दुरंतो एक्‍सप्रेस को भी अन्‍य ट्रेनों को रास्‍ता देना पड़ता है. तेजस एक्सप्रेस सेमी-हाईस्पीड फुल एसी ट्रेन है. राजधानी, शताब्‍दी और दुरंतो के बाद प्रायोरिटी लिस्‍ट में इसका नंबर आता है.गरीब रथ एक्सप्रेस को साल 2005 में लांच किया गया था. यह पूरी तरह से एसी ट्रेन है, जो कि कम दामों में यात्रियों को बेहतर सुविधा देने के लिए लांच की गई थी. वरीयता क्रम में यह ट्रेन सातवें नंबर पर है.

ये पढ़ें : उत्तर प्रदेश के इस शहर में बनाया जाएगा 3.75 किलोमीटर का पहला रोपवे, बनाए जाएंगे 5 स्टेशन, 2024 में पूरा होगा काम

Latest News

Featured

You May Like