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Delhi से UP जाने वाली ये ट्रेन चल रही 62 करोड़ के घाटे में, रोज 200 से 250 सीट रहती है खाली

भारतीय रेलवे में दिल्ली के लिए जब ट्रेनों में रिजर्वेशन को लेकर मारामारी रहती है वहीं एक सुपरफास्ट एक्सप्रेस में रोजाना 200 से 250 सीट खाली रह जाती हैं। सप्ताह में छह दिन चलने वाली ट्रेन को अब सिर्फ चार दिन ही संचालित हो रही है।

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This train going from Delhi to UP is running at a loss of Rs 62 crore, 200 to 250 seats remain vacant every day.

Saral Kisan, Railway : रेलवे की ओर से पहली बार तेजस ट्रेनों का संचालन निजी आपरेटरों को सौंपा गया, लेकिन यह प्रयोग सफल होता नहीं दिख रहा। दिल्ली लखनऊ और मुंबई-अहमदाबाद के बीच संचालित दोनों तेजस ट्रेनें लगातार घाटे में चल रही हैं।

लखनऊ वाया कानपुर सेंट्रल-नई दिल्ली 27.52 करोड़ रुपये के घाटे में चल रही है। लगातार हो रहे घाटे और यात्री नहीं मिलने पर हाल ही में रेलवे ने तेजस के फेरे कम कर दिये। अब यह सप्ताह में छह दिन की बजाय चार दिन चलाई जा रही है। इसके बाद भी स्थिति में सुधार नहीं हुआ है। रोजाना 200 से 250 सीटें खाली रहती हैं।

यह है वजह

बताया जा रहा है कि तेजस के आगे-आगे राजधानी और शताब्दी ट्रेन चलती हैं। इनका किराया तेजस से कम है पर सुविधा तेजस जैसी ही है। ऐसे में लोग तेजस से सफर करना पसंद नहीं कर रहे हैं। ट्रेनों की स्थिति देख हाल ही में रेल मंत्रालय ने फिलहाल और कोई ट्रेन निजी आपरेटर को न देने का निर्णय लिया है।

पांच बार रोकना पड़ा परिचालन

कोरोना के बाद से इस ट्रेन की फ्रीक्वेंसी लगातार घटाई बढ़ाई गई और यात्री कम होने पर साल 2019 से 2022 के बीच इसका अस्थायी रूप से पांच बार परिचालन भी बंद किया गया।

कब हुआ लाभ और घाटा

लखनऊ-नई दिल्ली रूट पर तेजस एक्सप्रेस से 2019-20 के बीच 2.33 करोड़ रुपये का लाभ हुआ था। इसके बाद वर्ष 2020-21 में 16.69 करोड़ रुपये का घाटा और फिर वर्ष 2021-22 में 8.50 करोड़ रुपये का घाटा हो चुका है।

तीन साल में 62.88 करोड़ रुपये घाटा

रेल मंत्रालय ने तीन साल पहले इंडियन रेलवे केटरिंग एंड टूरिज्म कारपोरेशन (आइआरसीटीसी) को अहमदाबाद-मुंबई और लखनऊ दिल्ली तेजस ट्रेन का संचालन सौंपा था। रेलवे को उम्मीद थी कि इससे उसे लाभ होगा। लेकिन ऐसा हुआ नहीं। ये दोनों ट्रेनें हर साल घाटे में जा रही हैं। तीन साल में इन दोनों का घाटा 62.88 करोड़ रुपये पर पहुंच गया।

-कोरोना काल में लंबे समय के लिए तेजस बंद रही फिर भी रेलवे को किराया दिया गया। धीरे-धीरे घाटे की भरपाई हो जाएगी। आने वाले दिनों में स्थिति सामान्य हो जाएगी।

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