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NCR के इस शहर में आज से बदला घरों से जुड़ा ये नियम, इन लोगों को होगा फायदा

गुरुवार से गाजियाबाद में नए नियमों के अनुसार नक्शे स्वीकृत किए जाएंगे। 300 वर्ग मीटर से कम क्षेत्रफल वाले स्थानों पर स्टिल्ट में पार्किंग बनाने वालों को एक अतिरिक्त मंजिल बनाने की अनुमति मिलेगी।
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NCR के इस शहर में आज से बदला घरों से जुड़ा ये नियम, इन लोगों को होगा फायदा

Saral Kissan, NCR News :  गुरुवार से गाजियाबाद में नए नियमों के अनुसार नक्शे स्वीकृत किए जाएंगे। 300 वर्ग मीटर से कम क्षेत्रफल वाले स्थानों पर स्टिल्ट में पार्किंग बनाने वालों को एक अतिरिक्त मंजिल बनाने की अनुमति मिलेगी। संशोधित भवन बायलॉट पर जीडीए ने मेरठ मंडलायुक्त से मंजूरी लेकर शासन को भेजा है। पिछले साल की कैबिनेट बैठक के बाद, 30 नवंबर 2023 को संशोधित भवन बायलॉज का शासनादेश जारी किया गया. इसे बोर्ड बैठक में मंजूरी दिलाकर लागू किया जाना था। प्राधिकरण ने इसे शासन को भेजा है, जिसे जीडीए बोर्ड अध्यक्ष मंडलायुक्त ने मंजूरी दी है। अब स्टिल्ट के साथ चार फ्लोर केवल 12 मीटर सड़क पर 300 से 500 वर्गमीटर के क्षेत्रों पर मान्य होंगे।

इससे छोटे भूखंडों पर फ्लैट नहीं बनाया जा सकेगा। वहीं, 300 वर्ग मीटर से कम क्षेत्रफल वाले स्थानों पर स्टिल्ट में पार्किंग देने वालों को अतिरिक्त फ्लोर बनाने की अनुमति मिलेगी। इस पार्किंग में दो मीटर की ऊंचाई का स्टिल्ट फ्लोर बनाया जाएगा। ऐसे में भवन 10.50 से 12.50 मीटर की ऊंचाई होगी। यही कारण है कि एक भूखंड का क्षेत्रफल 300 से 500 वर्गमीटर है और 12 मीटर की सड़क पर है, तो स्टिल्ट में पार्किंग बनाने और 15 से 17.50 मीटर की ऊंचाई तक बहुआवासीय भवनों का निर्माण करना मान्य होगा।

संशोधन की सुविधा

नक्शे स्वीकृत कराने वालों को निर्माण बायलॉज में किए गए बदलाव का लाभ मिलेगा। हालाँकि, अगर किसी व्यक्ति ने पुराने बिल्डिंग बायलॉज के तहत नक्शा स्वीकृत करा रखा है लेकिन अभी तक निर्माण नहीं किया है, तो वह नक्शे को नए संशोधनों के लागू होने के बाद बदल सकता है।

अभी भी यह नियम

वर्तमान में, बिल्डिंग बायलॉज में 300 वर्ग मीटर या उससे कम क्षेत्रफल वाले भूखंडों पर ढाई मंजिलों का निर्माण करना अनिवार्य है। इसमें पार्किंग बनाने या जगह छोड़ने पर कोई अतिरिक्त सुविधा नहीं है। इसलिए लोग घर बनाते समय पार्किंग स्थान नहीं छोड़ते।

इस क्षेत्र के निवासियों को सर्वाधिक लाभ

गाजियाबाद में बनने वाले नए इलाकों में बिल्डिंग बायलॉज में किए गए बदलाव से सबसे अधिक लाभ होगा। इसमें मधुबन बापूधाम योजना, इंद्रप्रस्थ योजना, कोयल एन्क्लेव, वेव सिटी, सन सिटी और रैपिड कॉरिडोर के दोनों ओर विकसित होने वाले क्षेत्र शामिल हैं।

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