उत्तर प्रदेश के 53 गावों से गुजरेगी ये नई बिछने वाली रेल लाइन, 23 नए पुल भी बनेंगे
UP News : उत्तर प्रदेश के 53 गाँवों से होकर गुजरने वाली नई रेलवे लाइन पर बड़ी अपडेट सामने आई है। इस नई रेलवे लाइन के लिए रेलवे 194 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण करने वाला है।
Uttar Pradseh News : देश में नई सरकार गठन होते ही उत्तर प्रदेश के 52.70 किलोमीटर लंबी रेल लाइन के प्रोजेक्ट में अब तेजी आने वाली है। उत्तर प्रदेश में पीएम गति शक्ति परियोजना के माध्यम से रेलवे मंत्रालय ने इस नई रेलवे लाइन को मंजूरी दे दी हैं। इस नई रेलवे लाइन से 53 गाँवों को बड़ा फायदा होने वाला है।
इतनी जमीन का हुआ अधिग्रहण
उत्तर प्रदेश के आनंदनगर-घुघली वाया महराजगंज रेलवे लाइन के लिए रेलवे 194 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण करने वाला है। आनंदनगर-घुघली वाया महराजगंज रेलवे लाइन के लिए 20 गांव की 71.5 हेक्टेयर जमीन के लिए अधिग्रहण कि अधिसूचना जारी कर दी गई है। जमीन अधिग्रहण के लिए आपत्तियां मांगी गई है। बहुत जल्द इस रेलवे लाइन की अंतिम अधिसूचना जारी होने वाली है। उत्तर प्रदेश के 53 गांव से होकर गुजरेगी यह रेलवे लाइन।
रेलवे लाइन होगी विद्युतीकृत
नई आनंदनगर-घुघली रेलवे लाइन विद्युतीकृत होगी। इस लाइन पर चौदह छोटे पुल और नौ बड़े पुल बनाए जाएंगे। रेलवे ने बताया कि इस लाइन पर सात स्टेशन होंगे। आनंदनगर, महराजगंज और घुघली क्रॉसिंग स्टेशन इसमें शामिल होंगे। पकड़ी नौनिया, शिकारपुर, पिपरा मुंडेरी और परसिया बुजुर्ग में भी हाल्ट स्टेशन बनाए जाएंगे।
आएगी इतनी लागत
रेलवे मंत्रालय ने पूर्वोत्तर रेलवे की नई लाइन आनन्दनगर-घुघली वाया महराजगंज को मंजूरी दी है, जो पीएम गतिशक्ति योजना का हिस्सा है। 52.7 किलोमीटर की इस रेलवे लाइन को 958.27 करोड़ रुपये मंजूर किए गए हैं। नई रेल लाइन आनन्दनगर से घुघली रेलवे स्टेशन तक जाएगी। आनंदनगर एक जंक्शन है। इस रेल लाइन के बाद घुघली स्टेशन भी जंक्शन होगा।
महराजगंज जिला होगा विकसित
आनंदनगर-घुघली वाया महराजगंज लाइन से इंडो-नेपाल बॉर्डर पर स्थित महराजगंज जिला विकसित होगा। कृषि बाहुल्य क्षेत्र में लघु कृषि उद्योग भी बढ़ेगा। यह भी महराजगंज को बेहतर कनेक्टिविटी देगा। बता दे की जिला मुख्यालय रेलवे से नहीं जुड़ा था, हालांकि उसकी सीमा से दो रेलवे लाइनें गुजरती हैं। इसकी मांग बहुत लंबे समय से थी। यह लाइन बनने से गोरखपुर जंक्शन स्टेशन पर यातायात का दबाव कम भी होगा और उत्तर भारत से आने वाली ट्रेनों को पूर्वोत्तर राज्यों को एक वैकल्पिक रास्ता मिलेगा। इस रेलवे लाइन की स्थापना के बाद, पनियहवा से गोंडा तक की दूरी 42 किलोमीटर कम हो जाएगी।
अब गोंडा से पनियहवा वाया आनन्दनगर, गोरखपुर, गोरखपुर कैंट तक की दूरी 307 किलोमीटर है, लेकिन अब यह कम होकर 265 किलोमीटर हो जाएगा। सिविल सेवाओं के लिए 875.30 करोड़ रुपये, सिग्नल और टेलीकॉम सेवाओं के लिए 18.17 करोड़ रुपये और इलेक्ट्रिक सेवाओं के लिए 64.26 करोड़ रुपये मंजूर किए गए हैं।