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यह है वह महिला महंत, जिसने दिल्ली यूनिवर्सिटी से की मेडिकल की पढ़ाई

महंत दिव्या गिरी, एक महिला साधु की पहचान बनाने वाली, पैथालॉजी में पढ़ाई कर बीएससी की डिग्री प्राप्त की। वह उत्तर प्रदेश के बाराबंकी में जन्मी थी। मैडिकल की पढ़ाई करने और पैथोलॉजिस्ट बनने की इच्छा रखने वाली दिव्या गिरी ने आध्यात्मिक क्षेत्र में प्रवेश किया।
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This is the female Mahant, who studied medicine from Delhi University.

Saral Kisan : महंत दिव्या गिरी, एक महिला साधु की पहचान बनाने वाली, पैथालॉजी में पढ़ाई कर बीएससी की डिग्री प्राप्त की। वह उत्तर प्रदेश के बाराबंकी में जन्मी थी। मैडिकल की पढ़ाई करने और पैथोलॉजिस्ट बनने की इच्छा रखने वाली दिव्या गिरी ने आध्यात्मिक क्षेत्र में प्रवेश किया। उनका जीवन भोलेनाथ को समर्पित था। 2002 में सन्यास लेते समय उम्र सिर्फ 22 वर्ष की थी। 2004 में दीक्षा ली ने कुंभ का आयोजन पूरी तरह छोड़ दिया। 2008 में मनकामेश्वर मंदिर में महंत बन गईं।

मानव की रुचि -

मानव की रुचि कब बदल जाएगी, ये वे खुद नहीं जानते। हम सभी के साथ ऐसा होता है, क्योंकि एक समय पर हमें कुछ अच्छा लगता था। कुछ साल बाद उसमें भी कोई रुचि नहीं होती। ऐसा ही प्रोफेशन में होता है। बाद में आप मन से जो क्षेत्र चुनते हैं, उसे छोड़ देते हैं।  नागा साधुओं का विश्व के सबसे बड़े धार्मिक उत्सव कुंभ में महत्वपूर्ण योगदान है। माना जाता है कि वहां नागा साधुओं का नियंत्रण है। 2013 में इलाहबाद कुंभ में पहली बार एक नागा महिला अखाड़ा पहचाना गया।

दिव्या गिरी आध्यात्मिक क्षेत्र में प्रवेश करने से पहले अरुणिमा सिंह के नाम से प्रसिद्ध थीं। उन्होंने नई दिल्ली के इंस्टीट्यूट ऑफ पब्लिक हेल्थ एंड हाइजिन से मेडिकल टेक्नीशियन की पढ़ाई की। 2004 में वह पहली महिला नागा साधु बन गईं। दिल्ली के शीर्ष पेरामेडिकल कॉलेजों में से एक है।

इस पाठ्यक्रम में दाखिले के लिए कैंडिडेट ने बारहवीं कक्षा में फिजिक्स, कैमिस्ट्री और जीवविज्ञान की पढ़ाई पूरी की होगी। इसमें 45 % आंकड़े लाने की आवश्यकता है। इस कोर्स को पूरा करने के बाद आप लैब टेक्नीशियन, लैब मैनेजर, मेडिकल ऑफिसर, शोध सहयोगी, मेडिकल रिकॉर्ड टेक्नीशियन और निवासी मेडिकल ऑफिसर जैसे पदों पर काम कर सकते हैं। दिव्या गिरी ने बीएससी डिप्लोमा ऑफ पैथालाजी में भी पोस्ट ग्रेजुएशन किया। वे पैथोलॉजिस्ट बनना चाहती थीं, लेकिन फिर वहां चली गईं, जहां वे आज हैं।

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