home page

उत्तर प्रदेश का ये हाईवे दोनों किनारे पैदा करेगा बिजली, आसपास के गांवों की होगी मौज

UP News :यूपी में बिजली पैदा करने वाला एक नया हाइवे बनाया जाएगा। इस हाइवे से पैदा होने वाली बिजली से आसपास के गांव की भी बिजली मिलेगी।  इसके लिए 296 किलोमीटर लंबे इस एक्सप्रेसवे के दोनों किनारों पर पैनल लगाए जाएंगे
 | 
This highway of Uttar Pradesh will generate electricity on both sides, nearby villages will enjoy

UP : देश में भारतमाला परियोजना के तहत कई एक्सप्रेसवे और हाईवे का निर्माण हो रहा है. खास बात है कि हर रोड प्रोजेक्ट की अपनी खूबियां हैं, कहीं लंबी सुरंगे, तो कहीं कई किलोमीटर लंबा एलिवेटेड रोड बन रहा है. इसी कड़ी में उत्तर प्रदेश में बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे को ‘सोलर एक्सप्रेसवे’ बनाए जाने की योजना है. इसके लिए 296 किलोमीटर लंबे इस एक्सप्रेसवे के दोनों किनारों पर सौर पैनल लगाए जाएंगे.

सौर एक्सप्रेसवे परियोजना उत्तर प्रदेश सरकार की सौर ऊर्जा नीति 2022 का हिस्सा होगी, जिसके जरिए 2026-27 तक 22,000 मेगावाट सौर ऊर्जा परियोजनाओं का लक्ष्य हासिल करना है. एक्सप्रेस-वे के दोनों ओर सोलर पैनल लगाने के लिए निजी कम्पनियों को कॉन्ट्रैक्ट दिया जाएगा.

निजी कंपनियां लगाएंगी सौलर पैनल

एचटी की रिपोर्ट के अनुसार, यूपीईआईडीए के सीईओ मनोज कुमार सिंह ने पीपीपी मॉडल पर बुन्देलखंड एक्सप्रेसवे के दोनों किनारों पर सोलर पैनल लगाने के लिए निजी कंपनियों से ‘एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट’ के लिए निर्देश जारी किए हैं. सौर पैनल, एक्सप्रेसवे के पूरे हिस्से पर मुख्य कैरिजवे और सर्विस लेन के बीच 15 से 20 मीटर चौड़ी खाली जगह पर लगाए जाएंगे. सिंह ने कहा, “यह जगह एक्सप्रेसवे को कृषि भूमि से भी अलग करती है.”

इससे पहले लखनऊ-आगरा एक्सप्रेसवे पर भी कई जगह सोलर पैनल लगाए गए हैं. इन पैनल से बनने वाली सौर ऊर्जा से टोल प्लाजा और कुछ इलाकों को बिजली मिलती है. यूपीईआईडीए के एक अन्य अधिकारी ने बताया कि अगर बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे पर सोलर पैनल लगाने की योजना कारगर रही, तो इससे पैदा होने वाली अतिरिक्त बिजली सड़क से सटे गांवों को भी मिलेगी.

एक्सप्रेसवे के दोनों ओर इंडस्ट्रियल क्लस्टर

औद्योगीकरण के पहले चरण में यूपीईआईडीए बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे के जालौन और बांदा में औद्योगिक क्लस्टर विकसित करेगा, जिसे योगी सरकार पहले ही मंजूरी दे चुकी है. इसके लिए लगभग 10 औद्योगिक क्षेत्रों का चयन किया गया है. इन उद्योगों में इलेक्ट्रिकल और इलेक्ट्रॉनिक्स, ऑटोमोबाइल और हैवी इंजीनियरिंग उद्योग, खाद्य और कृषि, संयंत्र और जैविक सामग्री प्रसंस्करण, कपड़ा और परिधान, चिकित्सा आपूर्ति व संबद्ध इकाइयां, भवन निर्माण सामग्री और संबद्ध इकाइयां, लॉजिस्टिक्स व पैकेजिंग शामिल हैं.

बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे की विशेषताएं

बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 16 जुलाई 2022 में किया था. यह प्रदेश का सबसे तेजी से बनने वाला एक्सप्रेसवे है, क्योंकि इसका निर्माण 28 महीने के भीतर किया गया था. साथ ही, यह योजना से 12.6% कम लागत में बनकर तैयार हुआ. इस एक्सप्रेसवे को 6 लेन तक बढ़ाया जा सकता है.

बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे उत्तर प्रदेश के 7 जिलों इटावा, औरैया, जालौन, हमीरपुर, महोबा, बांदा और चित्रकूट जैसे होकर गुजरता है. ऐसे में इस एक्सप्रेसवे पर इंडस्ट्रीज स्थापित होने से इन क्षेत्रों में व्यावसायिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा.

ये पढ़ें : GST ने करवा दे सरकार की बल्ले-बल्ले, बना डाला 5वीं बार खास रिकॉर्ड

Latest News

Featured

You May Like