महाराष्ट्र के 390 गावों और 10 जिलों को जोड़ेगा ये एक्सप्रेसवे, जानिए कब तक काम होगा पूरा?
Mumbai-Nagpur Expressway : देश में पिछले कुछ वर्षों में रोड इंफ्रास्ट्रक्चर को लेकर बड़े स्तर पर कार्य चालू है। देश में सड़क मार्ग का निर्माण तेजी से करवाया जा रहा है. देश के शहरों को एक्सप्रेसवे के माध्यम से आपस में कनेक्ट किया जा रहा है। इसी कड़ी में मुंबई से लेकर नागपुर तक 701 किलोमीटर का नया एक्सप्रेसवे बनाया जा रहा है. यह एक्सप्रेसवे महाराष्ट्र के 390 गांवों और 10 जिलों को चीरता हुआ निकलेगा।
Mumbai-Nagpur Expressway opening Date : देश के शहरों को आपस में कनेक्ट करने के लिए सड़को का जाल बिछाया जा रहा है। बता दे की अच्छी रोड कनेक्टिविटी देश के आर्थिक गतिविधि के लिए बहुत ज्यादा महत्वपूर्ण होती है. इसी कड़ी में मुंबई से लेकर नागपुर तक एक्सप्रेसवे बनाया जा रहा है। इस एक्सप्रेसवे की लंबाई दोनों शहरों के बीच 701 किलोमीटर है।
16 घंटे की दूरी मात्र 8 घंटे में पूरी होगी
मौजूदा समय में यह सिक्स लेन एक्सप्रेसवे है जिसे बाद में 8 लेन तक बढ़ाया जा सकता है। इस एक्सप्रेसवे का निर्माण कार्य अंतिम चरण में चल रहा है। मुंबई नागपुर एक्सप्रेसवे बन जाने के बाद मुंबई से नागपुर तक आवागमन काफी ज्यादा आसान हो जाएगा। दोनों शहरों की यात्रा कम समय में पूरी की जा सकेगी। मौजूदा समय में मुंबई से नागपुर तक का सफर तय करने में 16 घंटे का समय लगता है. लेकिन इस एक्सप्रेसवे के बन जाने के बाद 16 घंटे की दूरी मात्र 8 घंटे में पूरी हो जाएगी. इस एक्सप्रेसवे का नाम बालासाहेब ठाकरे महाराष्ट्र समृद्धि एक्सप्रेस में रखा गया है. मुंबई नागपुर एक्सप्रेसवे का एक हिस्सा आवागमन के लिए खोल दिया गया है. लेकिन इस एक्सप्रेसवे के कई हिस्सों पर कार्य अभी भी चल रहा है, जो अब अंतिम चरण में आ चुका है।
महाराष्ट्र के 390 गांवों और 10 जिलों को कवर करेगा
यह राजमार्ग महाराष्ट्र के 390 गांवों और 10 जिलों को कवर करता है। इसे ग्रीनफील्ड प्रोजेक्ट के तहत रखा गया है, जो 2015 में घोषित किया गया था और 2017 में निर्माण शुरू हुआ था। मुंबई-नागपुर एक्सप्रेसवे से कई शहर लाभान्वित होंगे। इनमें शामिल हैं भिवंडी, कल्याण, शहापुर, इगतपुरी, सिन्नर, कोपरगांव, शिरडी, वैजापुर, छत्रपति संभाजीनगर, शेन्द्रा, जलना, सिंदखेड राजा, मेहकर, मालेगांव, करंजा, धामनगाव, पुलगांव, वर्धा, सेलू और नागपुर।
ग्रामीण क्षेत्रों पर खास ध्यान
मुंबई नागपुर एक्सप्रेसवे का लक्ष्य अर्थव्यवस्था को बढ़ाना है। विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों पर ध्यान दिया गया है। अगस्त, 2024 तक अंतिम चरण का काम पूरा होना चाहिए। दिल्ली-मुंबई इंडस्ट्रियल कॉरिडोर और वेस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर इसमें शामिल हैं। इस राजमार्ग से पर्यटन भी बढ़ेगा। विशेष रूप से अजंता, शिरडी, वेरुल और लोनार में पर्यटकों की संख्या बढ़ेगी। मुंबई-नागपुर एक्सप्रेसवे के किनारे भी कई शहर बसाए जाएंगे। इससे व्यापार और औद्योगिक सुविधाएं बढ़ जाएंगी।
सड़कें अंतरराष्ट्रीय मानकों पर बनाई जाएगी
मुंबई नागपुर एक्सप्रेसवे से दोनों शहरों के बीच यात्रा का समय आठ घंटे से कम हो जाएगा। एक्सप्रेसवे की सड़कें अंतरराष्ट्रीय मानकों पर बनाई जा रही हैं। सुरक्षित यात्रा भी ध्यान में रखी गई है। इसके लिए प्रत्येक मानक पर ध्यान दिया जा रहा है। यह भी एक ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे है, इसलिए लगभग 12.68 लाख पेड़ लगाए जाएंगे। इससे पर्यावरण संरक्षण में सुधार होगा।