3660 करोड़ रुपये की लागत से बनेगा ये एक्सप्रेसवे, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, राजस्थान समेत 4 राज्यों को होगा फायदा, 2024 में बनकर होगा तैयार
Saral Kisan : हरियाणा के अंबाला से यूपी के शामली तक बन रहे अंबाला-शामली एक्सप्रेसवे (Ambala Shamli Expressway) से 4 राज्यों को फायदा होगा. यह एक्सप्रेसवे तैयार होने के बाद पंजाब, हरियाणा, राजस्थान और यूपी के लोगों को इस 120 किलोमीटर के एक्सप्रेसवे पर काफी सहूलियत होगी. यह ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे 6 लेन होगा और इस पर करीब 3,660 करोड़ रुपये की लागत आएगी. इसका निर्माण तेजी से चल रहा है और 3 कंपनियां मिलकर इसे 2024 तक तैयार कर देंगी.
हरियाणा में एक्सप्रेसवे की कुल लंबाई 75 किलोमीटर होगी, जबकि उत्तर प्रदेश में यह 45 किलोमीटर लंबा होगा. यह एक्सप्रेसवे हरियाणा के अम्बाला, कुरुक्षेत्र, करनाल, यमुनानगर और उत्तर प्रदेश में सहारनपुर व शामली जिले में बनेगा. इस एक्सप्रेसवे के लिए अम्बाला में 58, यमुनानगर के 12 और शामली जिले की 24 गांवों की जमीन अधिग्रहित की गई है. इस एक्सप्रेसवे के निर्माण में पहले यमुनानगर में बाधा उत्पन्न हो गई थी. मुआवजे को लेकर किसानों के साथ एनएचएआई का पेंच फंस गया था, जिसे अब सुलझा लिया गया है.
यह है रूट
अंबाला-शामली एक्सप्रेसवे हरियाणा के अम्बाला स्थित अंबाला-चंडीगढ़ रोड से शुरू होगा. यह फिर कुरुक्षेत्र, करनाल व यमुनानगर होते हुए उत्तर प्रदेश के शामली जिले में प्रवेश करेगा और दिल्ली- शामली-सहारनपुर फोरलेन को जोड़ते हुए दिल्ली-देहरादून इकोनॉमिक कॉरिडोर में जाकर मिलेगा. थाना भवन इसका आखिरी बिंदू है. भारतमाला परियोजना के तहत बन रहे इस 6 लेन एक्सप्रेस-वे का राइट ऑफ वे करीब 60 मीटर का है और यह पूरी तरह ग्रीन फील्ड कॉरिडोर है.
बचेगा एक घंटा
अंबाला-शामली एक्सप्रेसवे के बनने से हरियाणा, पंजाब, यूपी, राजस्थान और चंडीगढ़ को फायदा होगा. इस एक्सप्रेसवे के बन जाने से वेस्ट यूपी के साथ हरियाणा के उत्तरी व पश्चिमी जिलों, पश्चिमी राजस्थान और पंजाब की सीधी कनेक्टिविटी हो जाएगी. अभी अम्बाला से शामली जाने के लिए कोई सीधा रास्ता नहीं है और करनाल होकर जाना पड़ता है. इसमें दो से ढाई घंटे लग जाते हैं, लेकिन एक्सप्रेसवे बनने के बाद एक से डेढ़ घंटे में ही यह सफर पूरा हो जाएगा.
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