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उत्तर प्रदेश में इस तारीख से खुलने वाला है 12 जिलों को जोड़ने वाला गंगा एक्सप्रेसवे

UP News : दिल्ली से प्रयागराज के बीच एक्सप्रेस वे के लिए 518 गांवों की 7453 हेक्टेयर जमीन अधिग्रहण की गई है। यह सिक्स लेन एक्सप्रेसवे 120 मीटर चौड़ा बनाया जाएगा। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार का यह एक बहुत महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट है। 

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उत्तर प्रदेश में इस तारीख से खुलने वाला है 12 जिलों को जोड़ने वाला ये एक्सप्रेसवे,

Uttar Pradesh News : देश में पिछले कुछ वर्षों से सरकार रोड इंफ्रास्ट्रक्चर की विकास कार्य बड़ी तेजी से करवा रही है। देश में सड़कों और हाईवे का जाल बिछाया जा रहा है। दिल्ली से प्रयागराज के बीच बनने वाले इस गंगा एक्सप्रेसवे को 31 दिसंबर तक खोले जाने की संभावना है। गंगा एक्सप्रेसवे 594 किलोमीटर लंबा होगा.

बरसात के मौसम में भी इस एक्सप्रेसवे का निर्माण कार्य जारी है। गंगा एक्सप्रेसवे मेरठ के बिजौली गांव को प्रयागराज के जूदापुर गांव से कनेक्ट करेगा। यूपी सरकार का यह ड्रीम प्रोजेक्ट है। इस महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट की पूरा होने के बाद महाकुंभ में लोग एक्सप्रेसवे के माध्यम से प्रयागराज तक का सफर तय कर सकेंगे। 

बनेंगे 32 फ्लाईओवर 

इस सड़क का निर्माण करने वाली कंपनियों को राज्य सरकार की ओर से दो बड़े पुलों का निर्माण करने को जल्द ही कहा गया है। पहला पुल गंगा नदी के ऊपर मेरठ से बदायूं के बीच 960 मीटर लंबा बनाया जाएगा। दूसरा पुल राम गंगा नदी के ऊपर बदायूं से हरदोई के बीच 720  मीटर लंबाई का बनाया जाएगा. इस सिक्स लेन एक्सप्रेसवे पर 14 बड़े पुल, रेलवे लाइन के ऊपर 7 पुल, और 32 फ्लाईओवर के साथ-साथ शाहजहांपुर के जलालाबाद क्षेत्र में लड़ाकू विमान की इमरजेंसी लैंडिंग करवाने के लिए करीब 3.5 किलोमीटर लंबी हवाई पट्टी का निर्माण किया जाएगा।

12 जिलों को करेगा कनेक्ट

UPEIDA, एक्सप्रेसवे बनाने वाली संस्था, ने अफसरों को निर्देश दिए हैं। यूपीडा ने 31 दिसंबर की समय सीमा से पहले सभी आवश्यक सड़कों और हाई स्पीड सड़कों को बनाकर तैयार करने का आदेश दिया है। अगले साल जनवरी में होने वाले महाकुंभ के दौरान गंगा एक्सप्रेस वे से गाड़ियों को प्रयागराज में आना-जाना आसान होगा। 36,230 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाला गंगा एक्सप्रेसवे 12 जिलों को एक दूसरे से जोड़ेगा और आवागमन को सुविधाजनक बनाएगा।

518 गांवों की 7453 हेक्टेयर जमीन अधिग्रहण

एक्सप्रेस वे के लिए 518 गांवों की 7453 हेक्टेयर जमीन अधिग्रहण की गई है। यह सड़क 120 मीटर चौड़ी होगी और शुरू में छह लेन होगी। जरूरत पड़ने पर दो और लेन जोड़े जा सकते हैं। गाड़ी की गति अभी निर्धारित नहीं है। लेकिन इस पर काम करने वाली कंपनियों को इस तरह की एक्सप्रेस वे बनाने के लिए कहा गया है कि गाड़ियां 120 km/h तक की रफ्तार से चल सकें।

चार चरणों में निर्माण 

पूरे एक्‍सप्रेस वे को चार भागों में विभाजित किया गया है। IRB इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपर पहला भाग बना रहा है, जो मेरठ से बदायूं का 129.70 किमी है। अडानी इंफ्रास् ट्रक्चर बाकी तीनों हिस्सों को बना रहा है। इसमें बदायूं से हरदोई की दूरी 151.70 किमी है। तीसरे हरदोई से उन्नाव की लंबाई 155.70 किमी है। उन्नाव से प्रयागराज की चौथाई, 156.85 किमी, है।

मुख्य सड़क पर 82 फीसदी मिट्टी का काम पूरा

मुख्य सड़क पर 82% मिट्टी का काम पूरा हो चुका है, एक अधिकारी ने बताया। इसी तरह, सड़क के 596 किलोमीटर लंबे हिस्से में 50% से अधिक पक्की हो चुकी है और नीचे की परत का काम 58% पूरा हो चुका है। निर्माण एजेंसियों ने 1481 स्‍ट्रक्‍चर में से 1215 को पूरा किया है।

मेरठ-प्रयागराज मार्ग पर दो बड़े टोल प्लाजा बनाए जाएंगे। 15 और छोटे टोल प्लाजा गाड़ी चढ़ने और उतरने के स्थानों पर बनाए जाएंगे। यात्रियों के लिए रास्ते में 9 फासिलिटी सेंटन बनाए गए हैं। इस एक्सप्रेसवे के शुरू होने के बाद पश्चिमी उत्तर प्रदेश और पूर्वी उत्तर प्रदेश के बीच काफी कम समय लगेगा।
 

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