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राजस्थान में राजधानी की दुरी 45 मिनट कम करेगा ये एलिवेटेड रोड, फोरलेन होगा सफर

New Sariska Elevated Road : केंद्र सरकार को इस परियोजना के लिए लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) की राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएच) विंग ने दो प्रस्ताव भेजे हैं। माना जाता है कि पहला रास्ता अलवर से तालवृक्ष होकर जाएगा। इस मार्ग पर वन्यजीवों को आसानी होगी और खर्च कम होगा। दूसरा विकल्प बहुत महंगा है। केंद्र सरकार से मंजूरी मिलने पर ही विस्तृत परियोजना रिपोर्ट बनाई जाएगी।

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राजस्थान में राजधानी की दुरी 45 मिनट कम करेगा ये एलिवेटेड रोड, फोरलेन होगा सफर

Rajasthan News : राजस्थान के जयपुर तक आना जाना बहुत ही जल्द आसान होगा। अलवर के सरिस्का एलिवेटेड रोड की योजना को और अधिक गति मिली है। इस सड़क के बनने से अलवर से थानागाजी तक 3 घंटे में जयपुर पहुंचा जा सकेगा। वर्तमान समय से 45 मिनट कम होगा। नवीनतम योजना के अनुसार, इस सड़क को दो लेन की बजाय चार लेन बनाया जाएगा।

केंद्र सरकार को इस परियोजना के लिए लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) की राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएच) विंग ने दो प्रस्ताव भेजे हैं। माना जाता है कि पहला रास्ता अलवर से तालवृक्ष होकर जाएगा। इस मार्ग पर वन्यजीवों को आसानी होगी और खर्च कम होगा। दूसरा विकल्प बहुत महंगा है। केंद्र सरकार से मंजूरी मिलने पर ही विस्तृत परियोजना रिपोर्ट बनाई जाएगी।

सरिस्का एलिवेटेड रोड का 3 साल से अटका था, काम

पिछले तीन वर्षों से सरिस्का को एलिवेटेड रोड बनाने का प्रस्ताव अधूरा रहा है। पहली पीडब्ल्यूडी डीपीआर की लागत 2400 करोड़ रुपये आती थी। सरकार ने इतनी अधिक लागत पर प्रश्न उठाया था। अधिकारी संतोषजनक उत्तर नहीं दे सके। संशोधित डीपीआर भी इसके बाद सफल नहीं हुआ। अब प्रस्ताव नवीनतम दो मार्गों से भेजा गया है।

32 किलोमीटर लंबा होगा, यह एलिवेटेड रोड

अलवर से तालवृक्ष तक जाना कई मायनों में अच्छा है। यह 32 किलोमीटर लंबा होगा और कम जमीन की आवश्यकता होगी। हालाँकि अलवर से नटनी का बारां तक का भाग चौड़ा होगा, यह पूरा रास्ता चार लेन का होगा। नटनी का बारां से थानागाजी तक 22 किलोमीटर का रास्ता मुख्य रूप से जमीन पर बनाया जाएगा. हालांकि, इसकी ऊँचाई दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस वे की तरह होगी, जिससे वन्यजीव ऊपर नहीं आ सकेंगे।

दो वर्ष में बनकर तैयार होगी, यह एलिवेटेड रोड

वन्यजीवों को 22 किलोमीटर में से 7 किलोमीटर का रास्ता खुला होगा। साथ ही, हर 700 मीटर पर 300 मीटर का खुला क्षेत्र छोड़ा जाएगा, जिससे वन्यजीवों को आने-जाने में आसानी होगी। अगले महीने इस प्रस्ताव को मंजूरी मिल जाएगी तो सड़क दो वर्ष में बनकर तैयार हो जाएगी।

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