उत्तर प्रदेश के इस जिले की बदल जाएगी तस्वीर, 6 बड़े प्रोजक्ट में चल रहा उच्च स्तर पर काम
Saral Kisan : कानपुर को आने वाले महीनों में 5-6 बड़े प्रोजेक्ट मिलेंगे। यह न सिर्फ कानपुर की तस्वीर बदलेंगे। बल्कि, लोगों की राह भी आसान करेंगे। इनमें 2640 मेगावॉट का घाटमपुर और पनकी पावर प्लांट है। 3500 करोड़ से तैयार हो रहा अलीगढ़-कानपुर हाईवे है।
4100 करोड़ से बन रहे कानपुर-लखनऊ ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस-वे और 1900 करोड़ की लागत से तैयार होने वाली अनवरगंज-मंधना रेलवे लाइन हैं। इनमें लखनऊ-कानपुर ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस-वे को छोड़कर बाकी प्रोजेक्ट 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले तैयार करने का प्लान है। चलिए, अब आपको सिलसिलेवार एक-एक प्रोजेक्ट की जानकारी देते हैं...
1. पनकी पावर प्लांट 90% पूरा, जुलाई से बिजली उत्पादन करेगा
कभी पूरे यूपी में बिजली उत्पादन के लिए प्रसिद्ध रहा कानपुर का पनकी पावर प्लांट जल्द दोबारा बिजली उत्पादन शुरू करेगा। 5816 करोड़ रुपए की लागत वाले प्लांट में निर्माणाधीन 660 मेगावॉट की यूनिट से जुलाई 2023 में बिजली उत्पादन का लक्ष्य रखा गया है। अब तक 90% काम पूरा हो चुका है।
कानपुर के पनकी पावर प्लांट में पुरानी यूनिटों को ढहाकर नई यूनिट बनाने की स्वीकृति 2018 में हुई थी। काम 46 महीने में पूरा होना था, लेकिन कोविड से संबंधित लॉकडाउन के कारण परियोजना एक साल लेट हो गई। पावर प्लांट की आधारशिला पीएम नरेंद्र मोदी ने मार्च 2019 में रखी थी। इसकी लागत 5816 करोड़ रुपए है। करीब 80 हेक्टेयर में फैले इस प्लांट में सीधे तौर पर 600 और अप्रत्यक्ष रूप से करीब तीन हजार लोगों को रोजगार मिलेगा।
2. 17 हजार करोड़ का घाटमपुर पावर प्लांट
कानपुर के घाटमपुर में 660 मेगावॉट की 3 यूनिट बनाई जा रही हैं। इस तरह यहां 1980 मेगावाट बिजली का उत्पादन होना है। बाद में एक यूनिट और बनाकर बिजली उत्पादन की क्षमता को बढ़ाने का प्लान है। फिलहाल पहली यूनिट पूरी तरह से बन गई है, दूसरी यूनिट में काम बाकी है। वह भी 2 महीने में पूरा हो जाएगा। तीसरी यूनिट पर भी काम चल रहा है। पावर प्लांट का निर्माण एलएंडटी, जीई पावर और बीजीआर एनर्जी सिस्टम्स लि. कर रहे हैं।
60% बिजली यूपी को मिलेगी
दिसंबर से दोनों यूनिटों में बिजली उत्पादन शुरू हो जाएगा। यहां बनने वाली बिजली का 60% अंश उत्तर प्रदेश को मिलेगा। इससे सूबे में बिजली संकट को दूर करने में बड़ी मदद मिलेगी। प्लांट की लागत कुल 17,237 करोड़ रुपए है। 1886 एकड़ भूमि का अधिग्रहण कर बनाया जा रहा है। 2016 अक्टूबर में पावर प्लांट के निर्माण के लिए भूमिपूजन हुआ था।
3. चुनाव से पहले कानपुर सेंट्रल स्टेशन तक दौड़ेगी मेट्रो
11,076 करोड़ रुपए की लागत से कानपुर में मेट्रो का निर्माण चल रहा है। मेट्रो का IIT से नौबस्ता तक का पहला कॉरिडोर नवंबर 2024 तक पूरा होगा। लेकिन लोकसभा चुनाव से पहले सेंट्रल स्टेशन तक मेट्रो दौड़ने लगेगी। उत्तर प्रदेश मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन के मुताबिक फरवरी 2024 तक IIT से सेंट्रल स्टेशन तक की ट्रेनें शुरू कर दी जाएंगी। इसके आगे झकरकटी बस अड्डा से नौबस्ता तक के रूट पर 2024 के अंत में ट्रेनें शुरू होंगी।
विधानसभा चुनाव की अधिसूचना जारी होने से पहले 28 दिसंबर 2021 को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ IIT से मोतीझील तक के मेट्रो प्राथमिक कॉरिडोर के ट्रायल रन का उद्घाटन किया था। इसके बाद मेट्रो को नवंबर 2024 के अंत में नौबस्ता तक ट्रेनों को चलाने की घोषणा की गई थी, लेकिन अब फरवरी 2025 तक सेंट्रल स्टेशन तक मेट्रो ट्रेन चलाने की तैयारी कर रहा है। चुन्नीगंज से नयागंज स्टेशन तक सुरंग की खोदाई जारी है।
4. 6 लेन का कानपुर-अलीगढ़ हाईवे तैयार
कानपुर से अलीगढ़ के बीच बन रहे 6 लेन हाईवे का काम जून में पूरा हो जाएगा। कानपुर सेक्शन में काम अंतिम चरण में है। मंधना चौराहे पर एलीवेटेड पुल एवं मंधना रेलवे क्रासिंग पर निर्माण कार्य अंतिम चरण में है। NHAI के अधिकारियों का दावा है कि शहर से दिल्ली की दूरी 90 किमी. कम हो जाएगी। इस मार्ग से दिल्ली की दूरी 420 किलोमीटर, जबकि इटावा होकर 510 किमी है।
एनएचएआई के परियोजना प्रबंधक प्रशांत दुबे ने बताया कि कानपुर IIT गेट से लेकर अलीगढ़ तक जीटी रोड (एनएच-91) के 284 किलोमीटर के प्रोजेक्ट को अलग-अलग हिस्से में बांट कर कार्य करा रहे हैं। अलीगढ़ से मैनपुरी तक प्रोजेक्ट पूरा हो चुका है। लोकसभा चुनाव से पहले इस हाईवे के चौड़ीकरण के कार्य पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। आगामी लोकसभा चुनाव से पहले पीएम नरेंद्र मोदी इसका लोकार्पण कर सकते हैं।
5. 4100 करोड़ से कानपुर-लखनऊ ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे
कानपुर-लखनऊ के बीच ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस-वे की घोषणा केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने की थी। 63 किमी. के लंबे एक्सप्रेसवे के 4100 करोड़ रुपए के प्रोजेक्ट पर काम तेजी से पूरा किया जा रहा है। अधिग्रहण पूरा हो चुका है। माना जा रहा है कि कार्य की आधारशिला रख सकते हैं। किसानों को मुआवजा भी दिया जा चुका है। टेंडर आदि की प्रक्रिया भी लगभग पूरी हो चुकी है।
एक्सप्रेस-वे का 63 किमी का रूट छह लेन का होगा। इस रूट में 18 किमी एलिवेटेड होगा, जबकि 45 किमी का हिस्सा ग्रीनफील्ड होगा। यह एक्सप्रेस-वे शहीद पथ के निकट एनएच-27 के जंक्शन से शुरू होकर बनी, कांथा और अमरसास को जोड़ने वाले रूट से कनेक्ट होगा। शहीद पथ से कानपुर जाने वाले यात्री एलिवेटेड रूट पर चढ़ जाएंगे और फिर 18 किमी एलिवेटेड रूट पर सफर करते हुए ग्रीन फील्ड पर उतरेंगे। ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे पूरी तरह नए सिरे से बनाए जाते हैं। मार्च 2025 तक इसको पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।
6. कानपुर शहर के अंदर 1900 करोड़ से रेलवे लाइन होगी एलिवेटेड
कानपुर के बीच से होकर गुजर रही अनवरगंज से मंधना रेलवे ट्रैक को एलिवेटेड करने के लिए सर्वे का काम पूरा हो चुका है। इसके बाद से इसे रेलवे बोर्ड को भेजा जाएगा। ट्रैक के एलिवेटेड होने से क्रॉसिंग की वजह से लगने वाले जाम से 15 लाख से ज्यादा लोगों को मुक्ति मिल जाएगी।
नीति आयोग इस प्रोजेक्ट को मंजूरी दे चुका है। इसमें करीब 1900 करोड़ रुपए खर्च होंगे। इस प्रोजेक्ट को लेकर डीएम विशाख जी ने बताया कि 3 साल में काम पूरा हो पाएगा। इससे 16 किमी. लंबाई में 18 रेलवे क्रॉसिंग बंद हो जाएंगी।
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