जहरीले सांप से बनाई जाती है यह शराब, पीने के बाद होता है ऐसा असर
इतिहासकार मानते हैं कि झोऊ प्रॉविन्स, चीन के पश्चिमी हिस्से में, इस सांप वाले शराब का पहला उत्पाद था। यह भी लगभग 771 बीसी में है। जब इसे बनाया गया, इसकी तासीर दवा की तरह थी।
Saral Kisan News : अब तक आपने कई तरह की शराब पी ली होगी, लेकिन क्या आप जानते हैं कि शराब दुनिया में एक जगह से निकलती है? ये सांप इतने जहरीले होते हैं कि उनका एक काट कुछ ही मिनटों में मर जाएगा। लेकिन कुछ लोग इन सांपों को शराब में मिलाकर पीते हैं। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि लोग इसे अच्छा मानते हैं। चलिए आपको पूरी जानकारी देते हैं।
यह पीने पर क्या होता है?
पीने के बाद क्या होता है?पहले ये होता कहां है पता करें। आपको बता दें कि, हालांकि यह पहले चीन में बनाया गया था, आज ये अधिकतर वियतनाम में बनाया जाता है। इस शराब को स्थानीय लोग बहुत चाव से पीते हैं। टूरिस्ट भी इसे एक बार जरूर करते हैं।
अल्कोहल में काफी समय तक पड़े रहने से सांप का जहर पूरी तरह से खत्म हो जाता है, इसलिए इसे पीने से कोई खास असर नहीं होता। इस सांप वाली शराब में मुख्य रूप से राइस वाइन का इस्तेमाल किया जाता है। चिकित्सीय हर्ब्स और जहरीले सांप को इसमें डालने के बाद इसे काफी लंबे समय तक रख दिया जाता है। फिर कुछ महीनों के बाद इसे लोगों को दिया जाता है।
इसकी उत्पत्ति कहां हुई?
इतिहासकार मानते हैं कि झोऊ प्रॉविन्स, चीन के पश्चिमी हिस्से में, इस सांप वाले शराब का पहला उत्पाद था। यह भी लगभग 771 बीसी में है। जब इसे बनाया गया, इसकी तासीर दवा की तरह थी। बीमार व्यक्ति को ठीक करने के लिए इसे दिया जाता था। उस समय वहीं स्नेक ब्लड वाइन बनाया जाता था, जिसमें सांप का खून भी शामिल था। उस समय शराब को एक कप में डालकर एक जिंदा जहरीले सांप का पेट चीरकर कुछ बूंद खून उसके अंदर डाल दिया जाता था।
ये पढे : उत्तर प्रदेश में बनेंगे 6 नए एक्सप्रेसवे, इन जिलों को होगा फायदा, जान लें क्या है रूट