घने जंगलों से गुजरेगा ये 464 किलोमीटर का नया एक्सप्रेसवे, 14 घंटे का रास्ता होगा 7 घंटे में पूरा
Raipur-Vizag Expressway : भारत में बनाया जा रहा एक अनोखा एक्सप्रेस वे, यह एक्सप्रेस जंगलों पहाड़ों और समुद्र के किनारे से होकर निकलेगा, इस हाइवे के बन जाने से दो राज्यों के बीच की दूरी तकरीबन 125 किलोमीटर कम हो जाएगी और सफर में लगने वाला समय 50% कम हो जाएगा, इस साल 2025 तक इस हाइवे को शुरू कर दिया जाएगा।
Saral Kisan, Raipur-Vizag Expressway : भारतमाला परियोजना देश के कई हिस्सों को एक्सप्रेसवे से जोड़ने वाली है। देश के लगभग हर कोने में शानदार सड़कें बनाई जा रही हैं क्योंकि इससे लोगों का समय बचता है, गाड़ी सुरक्षित रहती है और ईंधन कम खर्च होता है। रायपुर-विशाखापट्टनम एक्सप्रेसवे भी इसी कड़ी में बनाया जा रहा है। इस राजमार्ग से छत्तीसगढ़, ओडिशा और आंध्र प्रदेश जुड़ जाएंगे।
भारतमाला परियोजना के तहत बन रहा 6 लेन का यह एक्सप्रेसवे छत्तीसगढ़, ओडिशा और आंध्र प्रदेश को आपस में जोड़ेगा. 464 किलोमीटर लंबे इस एक्सप्रेसवे को पूरी तरह एक्सेस कंट्रोल सिस्टम से लैस बनाया जा रहा है. भारतमाला परियोजना के तहत बन रहे इस एक्सप्रेसवे को एशियाई विकास बैंक की तरफ से पैसा भी दिया जा रहा है.इस एक्सप्रेसवे के बनने से लोगों का समय बहुत बचेगा। रायपुर से विशाखापट्टनम जाने में अभी भी 12 घंटे से अधिक समय सड़क पर लगता है। इस राजमार्ग के निर्माण के बाद पांच घंटे का समय बचेगा। एक्सप्रेसवे का निर्माण पूरा होने के बाद अनुमानित 7 घंटे से भी कम समय में रायपुर से विशाखापट्टनम पहुंचा जा सकेगा। लेकिन ये समय वाहन की गति पर निर्भर करता है।
क्या है इसमे अनोखा
भारतमाला परियोजना के तहत बन रहे इस हाइवै को बेहद अनोखा माना जा रहा है. क्योंकि यह एक्सप्रेसवे समंदर किनारे बसे शहर वाईजैग से शुरू होकर घने जंगलों व खूबसूरत पहाड़ों के बीच से गुजारा जाएगा. इस पर सफर करना किसी हिल स्टेशन की सैर जितना रोमांचक और खुशनुमा नजर आएगा. राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण का लक्ष्य है कि इस एक्सप्रेसवे को वर्ष 2025 तक तैयार कर लिया जाए.
घट जाएगा सफर का समय
रायपुर-वाईजैग एक्सप्रेसवे का निर्माण कार्य पूर्ण होने के बाद दोनों शहरों के बीच सफर में लगने वाला टाइम घट कर आधा रह जाएगा और दोनों राज्यों के बीच की दूरी भी कम हो जाएगी. फिलहाल रायपुर से वाईजैग जाने के लिए 590 किलोमीटर की दूरी तय करनी पड़ती है, जो घटकर 464 किलोमीटर रह जाएगी. यानी सीधे तौर पर 126 किलोमीटर कम हो जाएंगे. इतना ही नहीं अभी इस दूरी को तय करने में करीब 14 घंटे का समय लगता है, जो महज 7 घंटे से भी कम समय में पूरा हो जाएगा.