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राजस्थान के 5 जिलों की बल्ले-बल्ले कर देगा ये 193 किलोमीटर लंबा एक्सप्रेसवे

New Expressway : यह एक्सप्रेस वे एक राष्ट्रीय राजमार्ग और छह राज्य राजमार्गों को पार करेगा। 17 HLB और 17 छोटे पुल एक्सप्रेस वे पर बनेंगे। इसमें छह फ्लाई ओवर भी बनाने का प्रस्ताव है। 1777 हेक्टेयर जमीन इसके लिए दी जाएगी। अतिरिक्त जमीन का मूल्य लगभग 1,423 करोड़ रुपए होगा। प्रारंभिक रूप से एक्सप्रेस वे के सिविल वर्क पर 4,696 करोड़ रुपए (लगभग 24.33 करोड़ रुपए प्रति किमी) खर्च होगा।
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राजस्थान के 5 जिलों की बल्ले-बल्ले कर देगा ये 193 किलोमीटर लंबा एक्सप्रेसवे

Rajasthan News : उपमुख्यमंत्री दिया कुमारी ने केकड़ी जिले से जयपुर-भीलवाड़ा और भरतपुर-ब्यावर ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस वे की डीपीआर को मंजूरी दी है। इन दोनों मार्गों की स्थापना से केकड़ी में औद्योगिक विकास शुरू होगा। जयपुर-भीलवाड़ा एक्सप्रेस वे को 193 किलोमीटर लंबी ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस वे बनाने से लगभग पांच जिलों को लाभ होगा। इस परियोजना पर 9864 करोड़ रुपये खर्च होंगे।

यह एक्सप्रेस वे एक राष्ट्रीय राजमार्ग और छह राज्य राजमार्गों को पार करेगा। 17 HLB और 17 छोटे पुल एक्सप्रेस वे पर बनेंगे। इसमें छह फ्लाई ओवर भी बनाने का प्रस्ताव है। 1777 हेक्टेयर जमीन इसके लिए दी जाएगी। अतिरिक्त जमीन का मूल्य लगभग 1,423 करोड़ रुपए होगा। प्रारंभिक रूप से एक्सप्रेस वे के सिविल वर्क पर 4,696 करोड़ रुपए (लगभग 24.33 करोड़ रुपए प्रति किमी) खर्च होगा। एक्सप्रेस वे बनने से जयपुर से भीलवाड़ा की दूरी 13 किमी कम हो जाएगी और सफर 2 घंटे का होगा।

एक्सप्रेस-वे के लिए की जाएगी, 3175 हेक्टेयर जमीन आवंटित

ब्यावर-भरतपुर एक्सप्रेस-वे भी 342 किलोमीटर लंबा होगा, जो ब्यावर में राष्ट्रीय राजमार्ग 58 से शुरू होकर भरतपुर में राष्ट्रीय राजमार्ग 21 तक होगा। इस एक्सप्रेस-वे की लागत 14 हजार 10 करोड़ रुपये होगी। इसके लिए 3175 हेक्टेयर जमीन आवंटित की जाएगी। यह ट्रेन ब्यावर, मसूदा, बांदनवाड़ा, भिनाय, नागोला, केकड़ी, टोडारायसिंह, गंगापुर नगर से भरतपुर पहुंचेगी। पश्चिमी राजस्थान और गुजरात के लोगों को यूपी के मथुरा, वृंदावन सहित अन्य स्थानों पर जाने के लिए जयपुर नहीं जाना होगा, बल्कि सीधा रूट होगा। जिससे पहुंच भी जल्दी होगी और दूरी भी कम होगी।

यह मिलेगा फायदा

यहां औद्योगिक विकास की संभावनाएं दो एक्सप्रेस वे केकड़ी से निकलने से बढ़ जाएगी। इस जगह बड़े औद्योगिक निवेश हो सकते हैं। बड़े औद्योगिक शहरों में भी सीधी केकड़ी से कनेक्टिविटी हो सकेगी। बड़े औद्योगिक निवेश से काम मिलेगा। जिससे आसपास के लोगों को काम मिलेगा। एक्सप्रेस वे ने लोगों को अधिक समय में एक शहर से दूसरे शहर पहुंचाने की सुविधा दी है।

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