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Delhi में बनाया जाएगा तीसरा रिंग रोड, 20 मिनट में होगा 3 घंटे का सफर

इस 6 लेन रोड प्रोजेक्ट को दिल्ली के मास्टर प्लान, 2021 में प्रस्तावित किया गया था. राजधानी में ट्रैफिक के बोझ को कम करने की योजना के तहत यूईआर-II का निर्माण हो रहा है. आइए जानते है इसके बारे में विस्तार से.

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Third ring road will be built in Delhi, 3 hours journey will be done in 20 minutes

Delhi : दिल्लीवासियों को जल्द ही तीसरा रिंग रोड मिलने जा रहा है. लंबे समय से चल रहे यूआईआर-2 (अर्बन एक्सटेंशन रोड) प्रोजेक्ट का 70 फीसदी काम पूरा हो गया है. हालांकि, सितंबर तक इसका काम पूरा करने का लक्ष्य था, लेकिन देरी के चलते अब इसके दिसंबर में पूरा होने की उम्मीद है.

केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि द्वारका एक्सप्रेसवे और अर्बन एक्सटेंशन रोड 2 (उत्तरी दिल्ली के अलीपुर से महिपालपुर तक) के अगले 6 महीनों में पूरा होने से दिल्ली-जयपुर राष्ट्रीय राजमार्ग पर यातायात भार में कमी आएगी और पूरे एनसीआर में. आवागमन में काफी सुधार होगा.

5 पैकेज में बन रहा अर्बन एक्सटेंशन रोड प्रोजेक्ट

केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि आउटर रिंग रोड, जिसे आईजीआई हवाईअड्डे से उत्तरी दिल्ली में अलीपुर तक अर्बन एक्सटेंशन रोड 2 भी कहा जाता है, अगले 6 महीनों में पूरा हो जाएगा और इसका निर्माण होने से दोनों इलाकों के बीच यात्रा का समय घटकर 20 मिनट हो जाएगा, जो फिलहाल 3 घंटे है.

दिल्ली में 75.71 किलोमीटर लंबे अर्बन एक्सटेंशन रोड प्रोजेक्ट को 5 अलग-अलग पैकेज में डेवलप किया जा रहा है. इसमें UER-II काफी अहम है. फिलहाल इस प्रोजेक्ट का काम करीब 70 फीसदी काम पूरा हो गया है. एनएचएआई के एक अधिकारी के अनुसार, दरअसल पैकेज-2 में मंगेशपुर ड्रेन होने से थोड़ी समस्या आ रही है, क्योंकि इस पर कुछ पिलर बनने हैं. इस वजह से काम धीमी गति से चल रहा है. इसका निर्माण कार्य दिसंबर 2023 तक पूरा किया जाएगा.

यह रिंग रोड दिल्ली के मास्टर प्लान, 2021 का हिस्सा

इस 6 लेन रोड प्रोजेक्ट को दिल्ली के मास्टर प्लान, 2021 में प्रस्तावित किया गया था और इसे वर्तमान रिंग रोड और दिल्ली-गुरुग्राम एक्सप्रेसवे पर भीड़ कम करने के लिए तीसरी रिंग रोड के रूप में पहचाना जा रहा है. दिल्ली में भीड़भाड़ कम करने की योजना के तहत यूईआर-II का निर्माण 7,716 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से हो रहा है. इस प्रोजेक्ट में 27 फ्लाईओवर और 11 अंडरपास समेत कई सुविधाएं होंगी.

10 लाख मीट्रिक टन कचरे से निर्माण

इस प्रोजेक्ट से जुड़े एक अधिकारी ने यह भी कहा कि यूईआर II के निर्माण में लगभग 10 लाख मीट्रिक टन निष्क्रिय अपशिष्ट पदार्थ का उपयोग किया गया है. इसके लिए दिल्ली नगर निगम (MCD) ने लगभग 11 लाख मीट्रिक टन निष्क्रिय अपशिष्ट पदार्थ उपलब्ध कराया.

यूईआर-II दिल्ली को एक वैकल्पिक मार्ग प्रदान करेगा. इससे फायदा यह होगा कि अन्य उत्तर भारतीय राज्यों जैसे पंजाब, उत्तरी हरियाणा, जम्मू और कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड से आने वाले ट्रैफिक का दिल्ली पर बोझ कम होगा. अधिकारियों ने कहा कि यूईआर-II वाहनों को दिल्ली के बाहरी इलाके से होते हुए पश्चिमी दिल्ली से दक्षिणी दिल्ली तक जाने की सुविधा प्रदान करेगा.

इस रोड की मदद से गुरुग्राम और आईजीआई हवाई अड्डे के बीच सफर आसान हो जाएगा और ट्रैवल टाइम भी काफी कम होगा. वहीं, यहां से चंडीगढ़, पंजाब और जम्मू-कश्मीर के बीच का सफर भी आसान हो जाएगा.

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