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किसानों को तगड़ा मुनाफा देगी पालक की ये खास किस्में, अपनाए ये प्रोसेस

किसान भाई बढ़िया मुनाफे के लिए पालक की खेती कर सकते हैं। भारत में रबी, खरीफ और जायद तीनों फसल चक्र भी हैं। इसके लिए खेत में उचित जल निकासी प्रणाली होनी चाहिए।

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These special varieties of spinach will give huge profits to farmers, adopt this process

Spinach Farming: किसान भाई बढ़िया मुनाफे के लिए पालक की खेती कर सकते हैं। भारत में रबी, खरीफ और जायद तीनों फसल चक्र भी हैं। इसके लिए खेत में उचित जल निकासी प्रणाली होनी चाहिए। साथ ही, हल्की दोमट मिट्टी में पालक के पत्ते अच्छी तरह से पैदा होते हैं।

इन बातों का खास ध्यान रखें

पालक की खेती के लिए एक हेक्टेयर में 30 किग्रा बीज की आवश्यकता होती है, जबकि छिटकवां खेती के लिए 40 से 45 किग्रा की आवश्यकता होती है। ताकि अच्छी उपज मिले, बीजों को बुवाई से पहले 2 ग्राम कैप्टान प्रति किलोग्राम उपचार करें। इसकी बुवाई के लिए कतार से कतार की 25–30 CM और पौध से 7–10 CM की दूरी रखें। पालक की खेती के लिये जलवायु और मिट्टी के हिसाब से ज्यादा पैदावार वाली किस्मों का चुनाव कर सकते हैं।

घरेलू पालक

देसी पालक बहुत महंगा है। देसी पालक की चिकनी, छोटी और अंडाकार पत्ती हैं। यह बहुत जल्दी तैयार हो जाता है, इसलिए किसान भाई इसे अधिकांश समय खेती करते हैं।

विलायती पालक 

विलायती पालक के बीज गोल आकार के होते हैं और कटीले होते हैं। कटीले बीजों को ठंडे और पहाड़ी स्थानों में उगाना अधिक फायदेमंद होता है। गोल किस्मों भी खेती की जाती है।

हर ग्रीन

15 से 20 दिनों में हरे पत्तेदार पालक तैयार हो जाते हैं। एक बार बुवाई करने के बाद यह छह से सात बार पत्तों को काट सकता है। यह किस्म बेशक अधिक पैदावार देती है, लेकिन सर्दियों में खेती करने पर बीज और पत्तियां 70 दिनों में लगती हैं।

पूसा सफेद

वर्ष भर की खपत को पूरा करने के लिए कई किसान हरित पूसा खेती करते हैं। इसके पत्ते गहरे हरे रंग के बड़े आकार वाले होते हैं और उसकी बढ़वार सीधे ऊपर की तरफ होती है। क्षारीय मिट्टी पर इसकी खेती करने से कई लाभ मिलते हैं।

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