राजस्थान के लोगों का सफर आसान करेंगे ये मार्ग, 3 हाईवे बनेंगे फोरलेन, स्पीड भी बढ़ेगी

Rajasthan News : राजस्थान की भजन लाल सरकार केंद्र के साथ मिलकर इंफ्रास्ट्रक्चर पर दृढ़ता से काम कर रही है और राज्य में सड़कों, हाईवे और पुलों का निर्माण लगातार कर रही है. इनमें से तीन नेशनल हाईवे को टू लेन से फोरलेन करने के लिए डीपीआर बनाने की योजना बनाई गई है, जिसके लिए राष्ट्रीय राजमार्ग मंत्रालय ने निविदाएं मांगी हैं। इन नेशनल हाईवे का निर्माण हो जाने के बाद लोगों को सुगम सफर का लाभ मिलेगा और सड़क दुर्घटनाओं से भी निजात मिलेगी।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, केन्द्रीय सड़क परिवहन व राजमार्ग मंत्रालय ने सर्वे रिपोर्ट के आधार पर राजस्थान में दो लेन से चार लेन की डीपीआर बनाने का निर्णय लिया है. इसमें आम जनता की आवश्यकताओं और जनप्रतिनिधियों की मांगों को शामिल किया गया है, लालसोट से कोथून एनएच 23, मनोहरपुर से दौसा एनएच 148 और सालासर-नागौर एनएच 58। NHAI ने इसके लिए टेंडर प्रक्रिया शुरू की है, जो जल्द ही समाप्त होगी।
गौरतलब है कि लालसोट से कोथून एनएच 23 समेत इन तीनों राष्ट्रीय राजमार्गों पर वाहनों का दबाव बढ़ता जा रहा है, जबकि ये तीनों राजमार्ग सिर्फ दो लेन हैं, जिससे कई बार बड़े दर्दनाक हादसे होते हैं। फोरलेन बनाने से दुर्घटनाओं की आशंका कम होगी और वाहन चालकों को आसान रास्ता मिलेगा। NHAI ने पहले ही दौसा-लालसोट को 2018 में शुरू किया था। लालसोट से कोथून के बीच आबादी वाले स्थानों पर भी सड़क को फोरलेन किया गया था, लेकिन अब अधिक यातायात के कारण सड़क को चौड़ी करने की आवश्यकता महसूस होने लगी है।
इस सड़क पर बढ़ गया है, यातायात का भार
लालसोट-कोथून हाईवे पर यातायात भार लगभग चार गुना बढ़ा है, करीब दो साल पहले दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे पर हरियाणा के सोहना से उपखण्ड के बड़ का पाड़ा तक यातायात शुरू होने के बाद। अब जयपुर-कोटा राष्ट्रीय राजमार्ग से दिल्ली की ओर जाने वाले सभी वाहन कोथून से इस राजमार्ग पर होते हुए बड़ का पाड़ा टोल तक पहुंच रहे हैं। दिल्ली-जयपुर नेशनल हाईवे पर मनोहरपुर से आकर भांडारेज टोल प्लाजा से आगे जाने वाले वाहनों की संख्या भी बढ़ी है। लालसोट-कोथून और दौसा-मनोरपुर हाईवे पर भविष्य में अधिक यातायात होगा।
डीपीआर की निविदा लगी है
मुख्यालय से लालसोट तक कोथून एनएच 23 फोरलेन बिड है। डीपीआर कंसटेल्ट अभी नियुक्त नहीं हुआ है। बिड रसीव, वेल्यूवेशन और पुरस्कार होंगे। फोरलेन में बाइपास भाग नहीं आएगा। सारा काम ट्रैफिक स्टडी पर आधारित है। बड़ का पाड़ा ही ट्रैफिक पैदा करता है।