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आजादी के बाद भारत में बने ये नए शहर, आज की हालत देख रह जाएंगे हैरान

Smart City  : आजादी के साथ ही देश में शहरीकरण का तेजी से विस्तार होने लगा। कई तरह की प्रशासनिक जरूरत को पूरा करने के लिए कुछ नए शहर बनाने का प्रस्ताव रखा गया। इस योजना के तहत देश में सबसे पहला शहर चंडीगढ़ बसाया गया। चंडीगढ़ एक ऐसा शहर है जो पश्चिमी पंजाब से उखाड़े गए हजारों लोगों को फिर से बसाने के लिए जाना जाता है।

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आजादी के बाद भारत में बने ये नए शहर, आज की हालत देख रह जाएंगे हैरान

New Cities In India After Independence : आजादी के साथ ही देश में शहरीकरण का तेजी से विस्तार होने लगा। कई तरह की प्रशासनिक जरूरत को पूरा करने के लिए कुछ नए शहर बनाने का प्रस्ताव रखा गया। इस योजना के तहत देश में सबसे पहला शहर चंडीगढ़ बसाया गया। इस शहर को एक शानदार और प्लांड सिटी के रूप में बसाया गया है। भारत में कई ऐसे शहर हैं जिनको एक प्लान के तहत बसाया गया है। चलिए जानते हैं आज कैसी है उनकी हालत। 

सबसे पहला शहर चंडीगढ़ 

चंडीगढ़ एक ऐसा शहर है जो पश्चिमी पंजाब से उखाड़े गए हजारों लोगों को फिर से बसाने के लिए जाना जाता है। चंडीगढ़ को एक प्लान और शानदार तरीके से बसाया गया है। चंडीगढ़ को पूर्वी पंजाब की राजधानी के रूप में भी जाना जाता है। इस शहर को 1952 में बसाया गया था। हालांकि इसका निर्माण कार्य 1950 के दशक में शुरू हो गया था लेकिन इस शहर को एक मास्टर प्लान स्विस फ्रेंच वास्तुकार के आधार पर तैयार किया गया है। इस शहर को सुसज्जित तरीके से बताया गया है। 

भुवेश्वर 

भुनेश्वर शहर को साल 1960 के दशक में बसाया गया। इस शहर को पूरी के एक बड़े भू भाग पर विकसित किया गया है। शुरू के दिनों में उड़ीसा की राजधानी कटक थी, लेकिन अब भुवनेश्वर को इसकी राजधानी बना दिया गया है। प्रशासनिक कार्यों के बढ़ जाने के कारण इस शहर का डिजाइन किया गया। इस शहर को एक शानदार और सुंदर नियोजन के लिए जाना जाता है। 

गांधीनगर 

गांधीनगर शहर को गुजरात की राजधानी के रूप में 1970 के दशक में बसाया गया था। इस शहर को इस तरह बसाया गया है कि भविष्य में इसका आधुनिक विकास किया जा सके। इस शहर को शुरू में 1.5 लाख लोगों के लिए प्लान किया गया था लेकिन बाद में प्लान बनाया गया कि 3.5 लाख आबादी के लायक बनाया जाए। 

नोएडा 

देश की राजधानी दिल्ली की भीड़ 1970 के दशक में बढ़ने लग गई थी। इसके बाद यूपी सरकार से मिलकर एक नया शहर बसाने का प्लान बनाया गया। इस शहर की योजना उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री नारायण दत्त तिवारी और संजय गांधी ने मिलकर बनाई थी। इस शहर का तेजी से विकास हुआ और यह दिल्ली का शहरी केंद्र बन गया। इसके बाद औद्योगिक और आईटी के मुख्य केंद्र के रूप में विकास हुआ। नोएडा की जनसंख्या अधिक बढ़ जाने के कारण शहर में पानी और ट्रैफिक जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। 

नया रायपुर 

छत्तीसगढ़ की राजधानी के रूप में एक योजना व तरीके से शहर विकसित करना था। जिसे 2000 के दशक में बनाया गया। इस शहर को आधुनिक बुनियादी ढांचे के साथ तमाम तकनीकी सेवाएं प्रदान करने के तरीके से विकसित किए गए है। 

गुरुग्राम

गुड़गांव शहर को 1970 के दशक में विकसित किया गया था। इस शहर में शहरी नियोजन की मुख्य प्रिक्रिया 1990 के अंत में शुरू हुई। इस शहर को वित्तीय और प्रौद्योगिकी के रूप में जाना जाता है। इस शहर ने बहुराष्ट्रीय कंपनियों और रियल एस्टेट की ओर काफी आकर्षित किया है।

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