देश के इन शहरों में मिल रहे हैं दिल्ली-NCR से भी सस्ते मकान, जाने क्या हैं आपकी सिटी का हाल चाल
Saral Kisan : भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के रेपो रेट में लगातार इजाफे से इसका सीधा असर होम लोन लेने वालों पर पड़ा है। साल 2023 के पहले छह महीने में, देश के आठ बड़े शहरों में होम लोन EMI में लगातार बढ़ोतरी ने लोगों की घर खरीदने की क्षमता पर सीधा असर पड़ा है।
नाइट फ्रैंक इंडिया (Knight Frank India) के मुताबिक देश के टॉप-8 शहरों में से सबसे सस्ती रेजिडेंशियल प्रॉपर्टी अहमदाबाद में मिल रही है. यहां घर लेने के लिए लोगों को अपनी मंथली इनकम का 23 फीसदी हिस्सा खर्च करना पड़ रहा है (EMI to Income Ratio). वहीं इस लिस्ट में दूसरे स्थान पर कोलकाता और पुणे का नाम है. इन दोनों शहरों में लोगों को अपनी इनकम का 26 फीसदी तक ईएमआई (EMI) में खर्च करना पड़ता है.
मुंबई में मिल रही सबसे महंगी प्रॉपर्टी -
नाइट फ्रैंक इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार देश के टॉप 8 शहरों में से प्रॉपर्टी के मामले में सबसे महंगा शहर मुंबई है. यहां अफोर्डेबिलिटी इंडेक्स के मुताबिक मुंबई का ईएमआई टू इनकम रेश्यो 55 % के साथ टॉप आठ शहरों में सबसे ज्यादा है. अफोर्डेबिलिटी लिस्ट में मुंबई के बाद सातवें स्थान पर हैदराबाद का नाम है. वहीं छठे स्थान पर दिल्ली-एनसीआर, पांचवें पर बेंगलुरु, चौथे स्थान पर चेन्नई, तीसरे स्थान पर पुणे और दूसरे स्थान पर कोलकाता और इस लिस्ट में टॉप पर अहमदाबाद का नाम है.
टॉप-8 शहरों में लगातार हो रहा अफोर्डेबिलिटी इंडेक्स सुधार -
ईएमआई टू इनकम रेश्यो 50 फीसदी होने का मतलब है कि उस शहर में किसी परिवार को घर खरीदने के लिए अपनी इनकम का 50 फीसदी हिस्सा घर की ईएमआई में देना होगा. नाइट फ्रैंक के मुताबिक साल 2010 से 2021 के बीच में देश के टॉप 8 शहरों में लगातार अफोर्डेबिलिटी इंडेक्स में सुधार हुआ है. यह इस कारण भी मायने रखता है क्योंकि देश में कोरोना महामारी के बाद आरबीआई ने रेपो रेट में लगातार इजाफा किया है. ऐसे में ग्राहकों के ऊपर ईएमआई का बोझ बढ़ा है. ऐसे में इसके बाद भी बड़े शहरों में लोगों के लिए घर खरीदना पहले के मुकाबले आसान हुआ है.
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