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उत्तर प्रदेश में इन कार्डधारकों को नहीं मिलेगा मुफ़्त राशन, आने वाली हैं ये दिक्‍कत

Uttar Pradseh News : उत्तर प्रदेश में जुलाई महीने में मुफ्त राशन मिलेगा या नहीं मिलेगा इस पर अभी भी संशय बना हुआ है। उत्तर प्रदेश में प्रशासन की तरफ से फरमान जारी हुआ था कि 30 जून तक राशन कार्ड पर सभी सदस्यों का ई केवाईसी हो जाना चाहिए। अगर राशन कार्ड धारकों ने ईकेवाईसी नहीं करवाया था उन्हें जुलाई महीने में मुफ्त राशन नहीं मिलेगा। 

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उत्तर प्रदेश में इन कार्डधारकों को नहीं मिलेगा मुफ़्त राशन, आने वाली हैं ये दिक्‍कत

UP News : उत्तर प्रदेश में फ्री राशन लेने वालों को लेकर बड़ी खबर सामने आई है. प्रदेश में अब जुलाई महीने में इन राशन कार्ड धारकों को नहीं मिलेगा मुफ्त राशन। राशन कार्ड धारकों के जुलाई महीने में फ्री राशन मिलने पर ग्रहण लग चुका है.लेकिन मैं मौजूदा समय में स्थिति यह है कि एक-दो का राशन कार्ड धारकों को छोड़कर किसी की भी अभी तक ई केवाईसी की प्रक्रिया नहीं हो सकी हैं।

प्रशासन की तरफ से आदेश जारी हुए थे की राशन कार्ड में जितने भी लाभार्थियों के नाम जुड़े हुए हैं उनका ई केवाईसी करवाना जरूरी है। प्रदेश में सार्वजनिक वितरण प्रणाली से मुक्त राशन का लाभ पाने के लिए ई - केवाईसी करवाना अनिवार्य किया गया था.गोरखपुर जिले के लगभग 8 लाख राशन कार्ड धारकों के जुलाई महीने में फ्री राशन मिलने पर ग्रहण लग चुका है.

इन कार्ड धारकों को मिलेगा मुफ्त राशन 

जो भी राशन कार्ड तारक ऐप्स मशीन से बायोमेट्रिक के माध्यम से केवाईसी करवाएगी उसी लाभार्थी को जुलाई महीने का मुफ्त राशन का लाभ दिया जाएगा. कोटेदारों की परी श्रमिक की मांग भी आड़े आ रही है. एक तो सर्वर डाउन रहता है और दूसरा कोटेदार अड़े हुए हैं इसके चलते राशन कार्ड धारकों की बायोमेट्रिक केवाईसी नहीं हो सकी है. प्रदेश में कई कोटेदार कौन है तो ई केवाईसी करने का प्रयास भी किया लेकिन ए-पास मशीन का सर्वर डाउन होने के कारण वह ई केवाईसी नहीं कर सके। 

कई मशीनों में तो जिस बटन से ई केवाईसी करना होता है वह बटन भी काम नहीं कर रहा है। इसी समस्या के चलते गोरखपुर जिले के लगभग 8 लाख राशन कार्ड धारकों के जुलाई महीने में फ्री राशन मिलने पर ग्रहण लग चुका है. गोरखपुर जिले के लगभग 8 लाख राशन कार्डों पर 33 लाख में लाभार्थी दर्ज हैं.

अपात्रों का नाम कार्ड से नाम काटा

शासन की बायोमेट्रिक ई-केवाईसी का उद्देश्य है कि मृतकों और अपात्रों का नाम कार्ड से काटा जा सके। नाम हटाने के बाद नए कार्ड बनाए जा सकते हैं। जिससे गरीब लोगों को भोजन मिल सके। बता दें कि प्रदेश और केंद्र सरकार हर महीने प्रत्येक यूनिट को पांच किलो राशन मुफ्त देती है। जिम्मेदार लोगों को शक है कि कार्ड पर दर्ज सभी लाभार्थी या तो गायब हैं या मर चुके हैं। लेकिन कार्ड अपडेट नहीं होने से पूरे परिवार का भोजन खर्च होता है। ऐसे में, सरकार ने 30 जून से पहले सभी लाभार्थियों को बायोमेट्रिक केवाईसी कराना अनिवार्य कर दिया है। कोटेदार राशन वितरण के बाद, आपूर्ति विभाग ने सभी सदस्यों को बायोमेट्रिक के माध्यम से केवाईसी करने की व्यवस्था की।

इसके विपरीत, दिग्विजयनगर, बिछिया, बेतियाहाता, मोहद्दीपुर और शहर के कई मोहल्लों में कार्ड धारकों की बायोमेट्रिक रिपोर्ट नहीं मिल सकी है। वहीं, ऑल इंडिया फेयर प्राइस शॉप डीलर एसोसिएशन (केवाईसी) से पारिश्रमिक की मांग की जा रही है। प्रदेश अध्यक्ष राजेश तिवारी ने कहा कि हजारों लोगों को केवाईसी मिलने में घंटों लगेंगे। सरकार इसके लिए पारिश्रमिक दे या ग्राहक सेवा केंद्र से केवाईसी पूरा करे। कोटेदारों को राशन वितरण के बाद बायोमेट्रिक ई-केवाईसी का निर्देश दिया गया है, जिलापूर्ति अधिकारी रामेन्द्र प्रताप सिंह ने बताया। जुलाई महीने के राशन वितरण को लेकर आगे की कार्रवाई शासन के निर्देशों के अनुसार होगी।

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