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उत्तर प्रदेश की ये 9 धरोहरों को अब बनाया जाएगा हेरिटेज होटल, बदल जाएगी पूरी तस्वीर

कई प्रसिद्ध होटल समूहों ने उत्तर प्रदेश (UP News)के धरोहर भवनों को विरासत पर्यटन के लिए निजी क्षेत्र के सहयोग से विकसित करने की सरकार (UP government)की कोशिश में दिलचस्पी दिखाई है।
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These 9 heritage sites of Uttar Pradesh will now be made heritage hotels, the whole picture will change.

Saral Kisan : कई प्रसिद्ध होटल समूहों ने उत्तर प्रदेश (UP News)के धरोहर भवनों को विरासत पर्यटन के लिए निजी क्षेत्र के सहयोग से विकसित करने की सरकार (UP government)की कोशिश में दिलचस्पी दिखाई है।

ये संपत्तियां शामिल हैं

राज्य सरकार ने लखनऊ की छतर मंजिल, कोठी गुलिस्तां-ए-इरम, कोठी दर्शन विलास और रोशनुद्दौला, मीरजापुर का चुनार का किला, झांसी का बरुआ सागर किला, मथुरा का बरसाना जल महल, कानपुर का शुक्ला तालाब और बिठूर की टिकैतराय बारादरी को विरासत पर्यटन के लिए होटल बनाने की योजना बनाई है।लीला होटल्स, नीमराना होटल्स, इंडियन होटल्स कंपनी (वर्तमान में ताज होटल्स), महिंद्रा होटल्स एंड रिजार्ट्स, ओबेराय होटल्स, द एमआरएस ग्रुप एंड रिजार्ट्स, ललित होटल्स, हयात रीजेंसी, सरोवर होटल्स एंड रिजार्ट्स, एकोर ग्रुप, टीएचएफ होटल्स, लैंजेर होटल्स, रायल आर्किड होटल्स।

साथ ही मापदंड और जिम्मेदारियां निर्धारित की गई हैं।

इन होटल समूहों ने इंटरेस्ट एक्सप्रेशन में रुचि दिखाई है। पर्यटन विभाग के अधिकारियों के साथ कुछ महीने पहले एक बैठक में प्रदेश के विरासत भवनों में अपनी रुचि व्यक्त की थी। प्रमुख सचिव एवं महानिदेशक पर्यटन मुकेश मेश्राम ने कहा कि प्रणाली की गुणवत्ता और लागत के आधार पर सफल निविदादाता चुना जाएगा। साथ ही, धरोहर भवनों की सुरक्षा के लिए मानकों और जिम्मेदारियों का निर्धारण किया गया है।

इनमें पुरातत्विक भवन का विन्यास यथावत रखना, मूल स्वरूप में कोई परिवर्तन नहीं करना, भवन का उपयोग उसके पौराणिक तथा ऐतिहासिक महत्व के अनुरूप करना, विकासकर्ता द्वारा विरासत भवन के इतिहास के संबंध में साईनेज की स्थापना करना, स्थानीय संस्कृति, खान-पान, कला, पोशाक, व्यंजन तथा सांस्कृतिक विधाओं का प्रदर्शन करना, सीएसआर के अंतर्गत चयनित

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